शिक्षा मंत्री ने किया माता राजमोहनी देवी चौक का भूमि पूजन, 30.32 लाख की लागत से बनेगी सुन्दर वाटिका एवं प्रतिमा

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Education Minister did Bhoomi Pujan of Mata Rajmohani Devi Chowk, beautiful garden and statue will be built at a cost of 30.32 lakhs

सूरजपुर। प्रदेश के स्कूल शिक्षा, अनूसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक, सहकारिता मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के मुख्य आतिथ्य में एवं के.के. अग्रवाल अध्यक्ष नगर पालिका परिषद सूरजपुर की अध्यक्षता में नगर पालिका परिषद के सूरजपुर चन्द्रपुर (ढूंढरा) चैक में पद्मश्री माता राजमोहनी देवी चैक भूमिपूजन किया गया। भूमिपूजन में भटगांव विधायक एवं संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े, मंत्री प्रतिनिधि कुमार देवसिंह, विधायक प्रतिनिधि नरेश राजवाड़े, माता राजामोहनी आश्रम गोविन्दपुर संरक्षक माता रामबाई, अध्यक्ष त्रिभुवन सिंह, सरपंच महेश सिंह, जिला पंचायत सदस्य मंजू मिंज, शिक्षा मंत्री ने राजमोहनी देवी के बारे बताते हुए कहा उन्होंने कहा था कि मैं कोई धर्मगुरू नहीं हू। मैं सहज सरल आदिवासी भोली-भाली नारी हू। महात्मा गांधी के विचार मेरे नस-नस में है। और इन विचारों के माध्यम से आदिवासियों का उज्जवल भविष्य देखने की कामना करती हू। शराब ही उनकी ही उनके पिछड़ेपन का रास्ता है, मैंने एक रास्ता चुना है, एक बीज डाला है मैं रहू या न रहूं। पर सादगी और सदविचार का पौधा आदिवासी की आंगन में फलता-फूलता रहेगा। ऐसी उनकी विचार हमें सुनने को मिलते थे। गांव-गांव में पदयात्रा करती थी। भजन कीर्तन के बाद स्वालंबन और खासतौर पर शराब बन्दी पर बहुत चर्चा करती थी। गांधीवादी प्रभाव के कारण उनका पहनावा खादी कपड़े का था। उनके अनुयायी एक गीत गाया करते थे। ठेहुना ले धोती घाले आउ आधा बाही आंगा, तीरथ बरथ कहा जाथस घरे आहे गंगा। तो ये सादगी भरा जीवन था उनका। इसके बाद उन्होंने समाज के लिए 1951 में भक्ति मार्ग एवं गांधीवादी विचारधारा को अपनाकर अपने क्षेत्र का ही नहीं बल्कि अपने क्षेत्र के साथ राज्य, प्रदेश और देश भर में समाज को स्वच्छता, नशा मुक्ति के लिए बहुत काम किया। उनके समम समाज में जो भी कुरीतियां थी उनकों दूर करने का प्रयास किया आदिवासी समाज को एक नई दिशा प्रदान किया उनके इन्हीं सब कार्य को देखते हुए मध्य प्रदेश के राज्यपाल के द्वारा इंदिरा गांधी पुरस्कार दिया गया तथा 1989 में भारत सरकार द्वारा भारत के सर्वोच्च चतुर्थ सम्मान चतुर्थ सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
हमारे प्रदेश के मुखिया ने उनके नाम पर चौक का नामकरण और प्रतिमा स्थापित करने का निर्देष दिया था आज उसी का भूमिपूजन किया गया। यहा पर सुन्दर वाटिका एवं माता राजमोहन देवी की आदमकद प्रतिमा लगाया जायेगा। जिसकी लागत 30.32 लाख रूपये है। हम चाहते है कि यह दो माह के भीतर बन कर तैयार हो जाये ताकि मुख्यमंत्री के हाथो इसका उद्घाटन कराया जा सके। हमारे प्रदेश के मुखिया ने समाज के सभी वर्गों के लोगों के लिए जिनके नाम पर जमीन है उनके समाज के नाम पर भवन बनाने कहा है। ताकि वे अपने समाज की चर्चा वहां बैठकर कर सके। वे आज भी भेंट मुलाकात में कई समाज के लोगों से मिलते है और उनकी मांगो को सुनते हैं। और हर संभव प्रयास करते है कि उनकी मांग पूर्ण हो। उन्होंने इस वर्ष प्रति एकड़ 20 क्वींटल धान खरीदने की घोषणा की है। इसी प्रकार हमारे सरकार की कई योजनाएं है जिनका लाभ पात्र हितग्राही नहीं ले पा रहे है। उसी को देखते हुए हमारे मुखिया ने राज्य में सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया। और हमारे प्रदेश में 1 अप्रैल से सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है। इससे बहुत से पात्र लोग है जिनको लाभ नहीं मिल पा रहा है सर्वे के बाद वे पात्र हो जायेंगे। ताकि वे सरकार की समस्त योजनाओं का लाभ ले सके। वन अधिकार पट्टा वितरण तथा लघु वनोपज खरीदी में हम अग्रणी है।

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