सरकारी तेल कंपनियों ने कुछ राज्यों में पेट्रोल व डीजल की ढुलाई पर अंतरराज्यीय लागत को समायोजित करने का फैसला किया है। इससे हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड व कुछ पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ जगहों में पेट्रोल व डीजल की कीमतें कम हो गई हैं। देश में अभी 88 हजार के करीब पेट्रोल पंप है और इनकी तरफ से काफी लंबे समय से कमीशन बढ़ाने की मांग की जा रही थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें पिछले कई महीनों के न्यूनतम स्तर पर है। अभी भारतीय कंपनियां 72 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे की दर पर तेल की खरीद कर रही हैं। इसका फायदा कंपनियां यह कहते हुए आम जनता तक नहीं दे रही है कि पिछले दिनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमत बढ़ने के बावजूद जनता पर बोझ नहीं बढ़ाया गया था।
बहरहाल पेट्रोल पंप मालिकों को जरूर तोहफा दिया गया है। उनकी पुरानी मांग को स्वीकार करते हुए पेट्रोल बिक्री पर 67 पैसे प्रति लीटर और डीजल बिक्री पर 44 पैसे प्रति लीटर का अतिरिक्त कमीशन देने का फैसला किया है। पेट्रोल पंप मालिकों के एसोसिएशन और पेट्रोलियम मंत्रालय के बीच कई दौर की बातचीत के बाद यह फैसला किया गया है। वैसे इस मार्जिन बढ़ने के बावजूद खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उम्मीद जताई है कि कमीशन बढ़ने के बाद पेट्रोल पंप पर ग्राहकों की सेवा का स्तर बेहतर होगा।
वैसे देश के कुछ राज्यों के कुछ हिस्सों में आम जनता को पेट्रोल व डीजल की कीमतों में राहत भी मिलेगा। सरकारी तेल कंपनियों ने कुछ राज्यों में पेट्रोल व डीजल की ढुलाई पर अंतरराज्यीय लागत को समायोजित करने का फैसला किया है जिसकी वजह से हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड व कुछ पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ जगहों में पेट्रोल व डीजल की कीमतें कम हो गई हैं।