दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल पत्नी के साथ हनुमान मंदिर पहुंचे:मनीष सिसोदिया और संजय सिंह भी मौजूद; कल 177 दिन के बाद रिहा हुए थे

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तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार सुबह क्नॉट प्लेस के हनुमान मंदिर पहुंचे। दिल्ली CM के साथ उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल, AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह भी पहुंचे।

मंदिर पहुंचकर केजरीवाल ने पत्नी के साथ भगवान हनुमान को जल चढ़ाया। पुजारी ने उन्हें एक गदा देकर चुन्नी उड़ाई। पूजा के बाद अरविंद केजरीवाल राजघाट जाएंगे। वे महात्मा गांधी के समाधि स्थल पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

शराब नीति केस में जमानत मिलने के बाद मनीष सिसोदिया और संजय सिंह ने भी इसी हनुमान मंदिर में बजरंग बली की पूजा की थी। अंतरिम जमानत के बाद 2 जून को सरेंडर करने से पहले भी केजरीवाल ने इसी मंदिर में बजरंग बली के दर्शन किए थे।

केजरीवाल मंदिर में झंडा लेकर पहुंचे। इस दौरान उनके साथ AAP के कई कार्यकर्ता मौजूद थे।
केजरीवाल मंदिर में झंडा लेकर पहुंचे। इस दौरान उनके साथ AAP के कई कार्यकर्ता मौजूद थे।
क्नॉट प्लेस के मंदिर में ही अरविंद केजरीवाल ने शिवलिंग की भी पूजा की।

 अरविंद केजरीवाल 13 सितंबर को शाम करीब 6.15 बजे तिहाड़ जेल से बाहर आए। बाहर आने के बाद उन्होंने कहा- मेरे खून का एक-एक कतरा देश के लिए है। मेरा जीवन देश के लिए समर्पित है। इन लोगों को लगा कि मुझे जेल में डालकर मेरा हौसला तोड़ देंगे।

आज मैं जेल से बाहर आ गया हूं और मेरे हौसले 100 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं। मैं सच्चा था, मैं सही था इसलिए भगवान ने मेरा साथ दिया। ऊपर वाले ने मुझे रास्ता दिखाया, ऐसे ही भगवान रास्ता दिखाता रहे। ये राष्ट्रविरोधी ताकतें देश को जो अंदर से कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं मैं इनके खिलाफ ऐसे ही लडूं।

इससे पहले इसी दिन सुबह सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति से जुड़े CBI केस में उन्हें जमानत दी थी। अदालत ने जमानत के लिए वही शर्तें लगाई हैं, जो ED केस में बेल देते वक्त लगाई गई थीं।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच ने CBI की गिरफ्तारी को नियमों के तहत बताया।

1. अगर कोई व्यक्ति पहले से हिरासत में है। जांच के सिलसिले में उसे दोबारा अरेस्ट करना गलत नहीं है। CBI ने बताया है कि उनकी जांच क्यों जरूरी थी।

2. याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी अवैध नहीं है। CBI ने नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है। उन्हें जांच की जरूरत थी। इसलिए इस केस में अरेस्टिंग हुई।

1. CBI की गिरफ्तारी जवाब से ज्यादा सवाल खड़े करती है। जैसे ही ED केस में उन्हें जमानत मिलती है। CBI एक्टिव हो जाती है। ऐसे में अरेस्टिंग के समय पर सवाल खड़े होते हैं।

2. CBI को निष्पक्ष दिखना चाहिए और हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए ताकि गिरफ्तारी में मनमानी न हो। जांच एजेंसी को पिंजरे में बंद तोते की धारणा को दूर करना चाहिए। केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। 10 दिन की पूछताछ के बाद 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजा गया। 10 मई को 21 दिन के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए रिहा किया गया। ये रिहाई 51 दिन जेल में रहने के बाद मिली थी। 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया।

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