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Delhi blast investigation : नई दिल्ली। लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार विस्फोट (दिल्ली ब्लास्ट) की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को एक बड़े और संगठित अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क का खुलासा हुआ है। इस हमले में 15 लोगों की मौत हो गई थी। जांच एजेंसियों के सामने आए खुलासों ने देश को दहला दिया है, जिसमें AK-47 राइफल की खरीद और विस्फोटकों को छिपाने के लिए डीप फ्रीजर के इस्तेमाल जैसी चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
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आतंक की फंडिंग और लॉजिस्टिक्स का पर्दाफाश
NIA जांच में सामने आया है कि आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने पेशेवर तरीके से हथियारों की खरीद और विस्फोटक सामग्री का प्रबंधन किया था:
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₹5 लाख में AK-47: जांच में पता चला है कि आतंकियों ने हमले के लिए पाँच लाख रुपये में AK-47 राइफल खरीदी थी। यह हथियार और भारी फंडिंग अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की ओर इशारा करती है।
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डीप फ्रीजर में विस्फोटक: विस्फोटक सामग्री को गुप्त रूप से और सुरक्षित रखने के लिए आरोपियों ने डीप फ्रीजर का इस्तेमाल किया था। यह दर्शाता है कि आतंकी मॉड्यूल ने अपने ऑपरेशन के लिए कितनी सावधानीपूर्वक योजना बनाई थी।
मल्टी-लेयर हैंडलर नेटवर्क का खुलासा
जांच से पता चला है कि यह आतंकी समूह एक साधारण मॉड्यूल नहीं था, बल्कि एक जटिल मल्टी-लेयर हैंडलर नेटवर्क के तहत काम कर रहा था।
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अलग हैंडलर: प्रत्येक गिरफ्तार आरोपी का संपर्क एक अलग हैंडलर से था, जिससे नेटवर्क के एक हिस्से के पकड़े जाने पर भी पूरा संगठन उजागर न हो।
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अंतरराष्ट्रीय फंडिंग: जांच एजेंसियां अब इस आतंकी नेटवर्क के लिए इस्तेमाल किए गए अंतरराष्ट्रीय फंडिंग चैनलों और इसके पीछे मौजूद विदेशी आकाओं तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।
गिरफ्तार आरोपी और फिदाइन आतंकी
इस हमले को अंजाम देने वाला फिदाइन आतंकी डॉ. उमर नबी विस्फोटकों से भरी कार चला रहा था और इस हमले में मारा गया।
NIA ने इस मामले में अब तक चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें शामिल हैं:
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डॉ. मुजम्मिल शकील गनई (पुलवामा, जम्मू-कश्मीर)
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डॉ. अदील अहमद राथर (अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर)
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डॉ. शहीन सईद (लखनऊ, उत्तर प्रदेश)
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मुफ्ती इरफान अहमद वगाय (शोपियां, जम्मू-कश्मीर)
जांच एजेंसियां इन आरोपियों से पूछताछ कर रही हैं ताकि आतंकी साजिश की पूरी कड़ी को जोड़ा जा सके और देश में सक्रिय अन्य आतंकी तत्वों का पर्दाफाश किया जा सके।

