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Deceased base activated : नई दिल्ली, 13 नवंबर 2025: भारत में जनवरी 2009 में आधार कार्ड लागू होने के 15 साल पूरे हो चुके हैं। इस दौरान 142 करोड़ से अधिक आधार कार्ड जारी किए गए हैं, लेकिन लगभग 8 करोड़ मृतकों के बावजूद सिर्फ 1.83 करोड़ कार्ड निष्क्रिय किए गए हैं।UIDAI (यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के सीईओ भुवनेश कुमार के मुताबिक, देश में अभी भी करीब 6 करोड़ मृतक आधार सक्रिय हैं। इससे बैंक फ्रॉड, फर्जी खातों और सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी जैसी चिंताएं बढ़ गई हैं।
पश्चिम बंगाल में मृतक आधार का बड़ा आंकड़ा
पश्चिम बंगाल में लगभग 34 लाख आधार धारकों की मौत हो चुकी है, लेकिन उनके आधार कार्ड अभी भी सक्रिय हैं। UIDAI ने बताया कि भारत के महापंजीयक (RGI) से अब तक 1.55 करोड़ मृतक आधार का डेटा मिला है। नवंबर 2024 से सितंबर 2025 के बीच 38 लाख नए मृतक रिकॉर्ड जुड़े।UIDAI ने अब तक 1.17 करोड़ आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिए हैं और दिसंबर तक यह संख्या बढ़कर 2 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।
ऑनलाइन मृत्यु सूचना पोर्टल की शुरुआत
UIDAI ने चार महीने पहले वेबसाइट पर मृत्यु सूचना पोर्टल शुरू किया, ताकि परिजन मृतक का आधार ऑनलाइन निष्क्रिय करा सकें। हालांकि, अब तक केवल 3,000 लोगों ने इस पोर्टल का उपयोग किया, जिनमें से केवल 500 मामले ही पुष्टि के बाद निष्क्रिय किए गए।
मृत्यु पंजीकरण में देरी और चुनौतियां
भुवनेश कुमार ने कहा कि आधार शुरू होने के समय सालाना मौतें लगभग 56 लाख थीं, जो अब बढ़कर 85 लाख तक पहुंच चुकी हैं। 2016 से अब तक अनुमानित 8 करोड़ आधार धारकों की मृत्यु हुई है।UIDAI के अनुसार, 48 लाख नामों का मिलान अभी तक नहीं हो पाया है, जिनमें से 4–5% रिकॉर्ड क्षेत्रीय भाषा में होने के कारण मैच नहीं कर सके। इस प्रक्रिया में 80 ऐसे मामले भी सामने आए जिसमें मृत घोषित किए गए लोग बाद में जिंदा पाए गए।
100 साल से अधिक उम्र वाले आधार धारक
UIDAI डेटाबेस में 8.30 लाख आधार धारकों की उम्र 100 साल से अधिक दर्ज है। इनमें महाराष्ट्र में 74,000, उत्तर प्रदेश में 67,000, आंध्र प्रदेश में 64,000 और तेलंगाना में 62,000 कार्ड धारक शामिल हैं। राज्यों ने अब तक 3,086 मामलों की पुष्टि की है, जिसमें 629 जिंदा, 783 मृत और 1,674 की जानकारी नहीं मिली।

