भुवनेश्वर: बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान ‘दाना’ ने अब विकराल रूप धारण कर लिया है। यह तूफान 18 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ओडिशा के तटीय क्षेत्रों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, बुधवार रात लगभग 2 बजे यह तूफान भितरकनिका नेशनल पार्क और धामरा पोर्ट के पास तट से टकराएगा। इसके चलते गुरुवार सुबह से ही ओडिशा के भद्रक क्षेत्र में भारी बारिश शुरू हो गई है।
तूफान की गति और लैंडफॉल की स्थिति
भारत मौसम विभाग के अनुसार, ‘दाना’ चक्रवात के लैंडफॉल की प्रक्रिया करीब 5 घंटे तक चलेगी। इस दौरान यह तूफान 120 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार से ओडिशा के उत्तरी हिस्सों से होकर गुजरेगा। तटीय इलाकों में भारी बारिश, तेज हवाएं, और बाढ़ जैसे हालात बनने की आशंका जताई गई है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य और क्षेत्र
मौसम विभाग के अनुसार, ‘दाना’ चक्रवात का सबसे ज्यादा असर ओडिशा और पश्चिम बंगाल में देखने को मिलेगा। ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम पहले से ही शुरू कर दिया गया है। सरकार ने बचाव दलों को हाई अलर्ट पर रखा है और आपदा प्रबंधन टीमें स्थिति से निपटने के लिए तैनात हैं। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में भी प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं।
बचाव कार्य और तैयारी
ओडिशा और पश्चिम बंगाल की सरकारें पूरी तरह सतर्क हैं और चक्रवात से होने वाले संभावित नुकसान को कम करने के लिए व्यापक इंतजाम कर रही हैं। राज्य आपदा राहत बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) की टीमें तैनात हैं। मछुआरों को समुद्र में न जाने की हिदायत दी गई है, और तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य जारी है।
तूफान का संभावित असर
चक्रवात ‘दाना’ के कारण भारी बारिश, बाढ़ और तेज हवाओं से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में पेड़ गिरने, घरों को नुकसान पहुंचने और बिजली आपूर्ति बाधित होने की आशंका है। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।