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भिलाई। बहुचर्चित 140 करोड़ रुपये के कस्टम मिलिंग घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार सुबह बड़ी कार्रवाई की। सुबह करीब 6 बजे ED की चार सदस्यीय टीम ने भिलाई के हुडको इलाके में स्थित एक निजी निवास पर दबिश दी। टीम ने घर को चारों ओर से घेरकर महत्वपूर्ण दस्तावेजों और लेन-देन से जुड़े कागजात की छानबीन शुरू की। इस दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड भी जब्त किए गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि इस कार्रवाई के बाद घोटाले में और बड़े नामों का खुलासा हो सकता है। इससे पहले आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने इस घोटाले के मुख्य आरोपी रिटायर्ड IAS अधिकारी अनिल टुटेजा और रायपुर के होटल कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था। दोनों से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर ही ED ने भिलाई में छापा मारा।
जानकारी के अनुसार, पूछताछ में कई अधिकारियों और मिलर्स की मिलीभगत के अहम सुराग मिले हैं, जिनके चलते यह रेड की गई। छत्तीसगढ़ सरकार हर साल किसानों से धान की खरीदी करती है और उसे चावल में बदलने के लिए मिलर्स को देती है। तय शर्तों के मुताबिक, धान की मिलिंग करने पर मिलर्स को भुगतान किया जाता है।
आरोप है कि इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया। कई जगहों पर धान की मिलिंग कागजों पर ही दिखाकर भुगतान उठाया गया। इसके अलावा अधिकारियों और मिलर्स की मिलीभगत से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की गई। जांच एजेंसियों का कहना है कि इस घोटाले का पैमाना 140 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है।