कोरिया: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में मृत पाए गए बाघ की मौत की गुत्थी सुलझाते हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने एक चौंकाने वाला सच उजागर किया है। रिपोर्ट से पता चला है कि बाघ की मौत ज़हर देने से हुई थी। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि किसी ग्रामीण ने संभवतः बदला लेने की नीयत से बाघ को कीटनाशक खिला दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
शुक्रवार को कोरिया जिले के देवसील कटवार क्षेत्र में एक नदी के पास बाघ का शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। यह वही बाघ था जिसकी पिछले महीने 16 अक्टूबर से लगातार कोरिया वनमंडल में उपस्थिति देखी जा रही थी। कोरिया और बैकुंठपुर के विभिन्न इलाकों, चामड़ पहाड़, जाम घाट, लोटा पानी, टेमरी, और कटकोना के जंगलों में ग्रामीणों ने बाघ के देखे जाने की पुष्टि की थी।
इस दौरान बाघ ने पटना के टेमरी गांव में एक ग्रामीण महेंद्र यादव की भैंस का शिकार कर लिया था। इसके अलावा, तेंदुआ गांव के राजाराम यादव और संतोष यादव की भैंसों पर भी हमला किया था, जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया था।
वन विभाग ने बाघ की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए क्षेत्र में कैमरे लगाए थे और सुरक्षा का दावा किया था, परंतु यह निगरानी नाकाफी साबित हुई। इस घटना ने वन विभाग की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब ग्रामीणों में गुस्सा है, वहीं वन्यजीव प्रेमियों और पर्यावरणविदों के बीच भी इस बाघ की निर्मम हत्या पर चिंता जताई जा रही है। वन विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है और बाघ को ज़हर देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।