आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए बड़ी खबर है. आयकर रिटर्न दाखिल करने में देरी के लिए माफी आवेदन को लेकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बदलाव किया है. माफी आवेदन जमा करने की समयसीमा एक साल घटा दी गई है. अब आप वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद 5 साल के भीतर माफी के लिए आवेदन कर सकते हैं.पुलिस अधीक्षक IPS Bhojram Patel के कुशल नेतृत्व में मुंगेली की बदलती तस्वीर, त्वरित कार्यवाही ने आमजनों का बढ़ाया भरोसा
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. पहले यह समय सीमा 6 साल थी, अब इस समय सीमा को घटाकर 5 साल कर दिया गया है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह जानकारी सामने आई है, लेकिन इस बदलाव में एक पेंच भी रखा गया है, क्योंकि एक स्थिति में आयकरदाता इस बदलाव का लाभ नहीं उठा पाएंगे. माफी आवेदन के साथ देने होंगे सबूत-दस्तावेजमहाराष्ट्र चुनाव बीड के निर्दलीय उम्मीदवार बालासाहेब शिंदे की मौत पोलिंग बूथ पर आया हार्ट अटैक
रिपोर्ट के अनुसार, अगर आयकर दाखिल करने का मामला कोर्ट में पहुंचता है और कोर्ट का फैसला आने तक आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा समाप्त हो जाती है, तो उस स्थिति में 5 साल का नियम लागू नहीं होगा.
कोर्ट के फैसले के बाद 6 महीने के भीतर माफी आवेदन जमा करना होगा. आपको बता दें कि आयकर रिटर्न दाखिल करने में हुई देरी के लिए माफी मांगकर करदाता आयकर रिफंड पाने की कोशिश करते हैं, ताकि नुकसान न हो.
वहीं, आयकरदाता को माफी देते समय बोर्ड उसकी समस्याओं का मूल्यांकन करता है. ऐसी स्थिति में करदाता को माफी आवेदन के साथ सबूत और जरूरी दस्तावेज जमा करने होते हैं. Income Tax Department और बोर्ड मिलकर उन सबूतों और Documents का मूल्यांकन करते हैं. अगर सबूत और Documents सही लगते हैं, तो माफी की मंजूरी मिल जाती है.
Taxpayer Income Tax portal पर रिटर्न दाखिल करने में हुई देरी के लिए माफी का आवेदन जमा कर सकता है. Income Tax portal में logging कर रजिस्टर करें. होमपेज पर Services icon पर क्लिक करें और Condonation Request पर टैप करें. फॉर्म भरने के बाद Condonation Request सबमिट पर क्लिक करें.
इसके बाद Continue पर क्लिक करके आगे बढ़ें. नए वेबपेज पर क्रिएट कंडोनेशन रिक्वेस्ट पर क्लिक करें. यहां मांगी गई जानकारी देनी होगी और फाइल सबमिट करनी होगी. जरूरी जानकारी देकर सबमिट पर टैप करें. सबमिट करने के बाद आपको अपना ITR वेरीफाई भी करना होगा.