चंडीगढ़ ,हरियाणा विधानसभा चुनाव में धांधली के आरोपों वाली शिकायत खारिज होने के बाद शुक्रवार (1 नवंबर) को कांग्रेस ने चुनाव आयोग (EC) को जवाब दिया। कांग्रेस ने पत्र लिखकर आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने उसकी शिकायतों का स्पष्ट जवाब नहीं दिया। जांच के नाम पर खानापूर्ति की गई।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश समेत अन्य कांग्रेस नेताओं की ओर से लिखे गए पत्र में कहा कि चुनाव आयोग का जवाब अपमानजनक लहजे में लिखा गया है। अगर चुनाव आयोग इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करता रहा तो पार्टी के पास ऐसी टिप्पणियों के लिए कानूनी सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
चुनाव आयोग ने खुद को क्लीन चिट दी है। हमें नहीं पता कि आयोग को कौन सलाह दे रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि आयोग यह भूल गया है कि यह संविधान के तहत स्थापित एक निकाय है।
इससे पहले, चुनाव आयोग ने 29 अक्टूबर को कांग्रेस की शिकायत खारिज कर दी थी। EC ने 1600 पेज के जवाब में आरोपों को निराधार, गलत और तथ्यहीन बताया था।
चुनाव आयोग ने अपने जवाब में कहा था, ‘मतदान और मतगणना जैसे संवेदनशील समय के दौरान गैरजिम्मेदाराना आरोप लगाने से अशांति और अराजकता पैदा हो सकती है। आयोग ने पिछले एक साल में 5 मामलों का हवाला देते हुए कांग्रेस पार्टी को नसीहत दी और कहा कि आरोप लगाने में सावधानी बरते और बिना किसी सबूत के इलेक्टोरल ऑपरेशन पर आदतन हमला करने से बचे।
राज्य में एक फेज यानी 5 अक्टूबर को मतदान हुआ था और 8 अक्टूबर को रिजल्ट आए थे। मतगणना के दौरान कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी कि कुछ EVM 99 प्रतिशत बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं, जबकि कुछ 60-70 और 80 प्रतिशत से कम बैटरी क्षमता पर काम कर रही थीं।