रायपुर ,छत्तीसगढ़ के बलरामपुर पुलिस कस्टडी में मौत को लेकर पीसीसी ने एक दिन का धरना देने के लिए कहा, लेकिन रायपुर में कांग्रेसी धरना स्थल ही तय नहीं कर पाए। जगदलपुर में भी प्रदर्शन फेल हो गया। सिर्फ बलरामपुर, जांजगीर-चांपा और कुछ ही जगहों पर छोटा-मोटा धरना प्रदर्शन हुआ।
रायपुर में धरना प्रदर्शन के लिए ग्रामीण जिला अध्यक्ष उधोराम वर्मा को जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन डीसीसी के पदाधिकारी घरों से बाहर ही नहीं निकले। बताया जा रहा है कि अब सोमवार को अभनपुर में प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं पुलिस हिरासत में मौत के लिए कांग्रेस ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
वहीं बलरामपुर कांग्रेस जिला अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने कहा कि प्रदेश सरकार की बार-बार रवैया के कारण जो स्थितियां बनी हुई हैं, वह शर्मनाक है। पुलिस हिरासत में मौत के लिए सरकार जिम्मेदार है।
वहीं जिला कांग्रेस प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि गुरु चंद मंडल के परिजनों को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता, परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी और मामले की जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से कराई जाए। साथ ही शव का दोबारा पोस्टमॉर्टम करवाने की मांग की।
वहीं जांजगीर-चांपा में भी कांग्रेसियों ने बलरामपुर पुलिस हिरासत में मौत और कबीर आश्रम पर हमला को लेकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार आने के बाद से लगातार अपराध बढ़ रही है। कानून व्यवस्था लचर हो रही है। अपराधियों के हौंसले बुलंद हो गए हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने सभी जिले के जिला अध्यक्षों के लिए निर्देश जारी किया था कि सभी विधायक, पूर्व विधायक, पदाधिकारी समेत सीनियर नेता प्रदर्शन में शामिल हों।
प्रदेश अध्यक्ष बैज ने इस मामले की पूरी जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में कराए जाने की मांग की है। मामले में पुलिस अधीक्षक, एसडीओपी और टीआई की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए सभी के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है।
- किसी भी व्यक्ति को पुलिस 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में नहीं रख सकती। गुरुचरण मंडल, उनके पिता और एक अन्य को चार दिनों तक थाने में हिरासत में क्यों रखा गया ? 24 घंटे के भीतर कोर्ट क्यों नहीं भेजा गया ?
- मृतक के पास टॉवेल (तौलिया) कहां से आया, जबकि उसके पिता का कहना है उसके पास कोई टॉवेल नहीं था?
- मृतक के शरीर का पंचनामा परिजनों और परिचित के सामने क्यों नहीं किया गया?
- मृतक के परिजन शव को दफनाने की मांग कर रहे थे। पुलिस जलाना क्यों चाहती थी, हालांकि बाद में दबाव के कारण दफनाया गया।
- मृतक के शव को थाने से अस्पताल ले जाते उसके पिता ने देखा, लेकिन उसके मौत की जानकारी थाने में उनको क्यों नहीं दी गई