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राजनांदगांव।’ वर्ष 2009 में राजनांदगांव एसपी विनोद चौबे पर जानलेवा हमले में शामिल रहे पीएलजीए के पूर्व कमांडर गिरिधर ने स्वीकार किया है कि माओवादियों का गढ़ रहा अबूझमाड़ 50 साल के खून-खराबे के बाद अब सुरक्षा बलों के हाथों में चला गया है. 28 साल तक गढ़चिरौली में सात ‘दलमों’ का नेतृत्व करने वाले गिरिधर ने एक समाचार पत्र को बताया कि अबूझमाड़ की पहाड़ियाँ अब लाल किले की तरह नहीं रहीं. मुक्त क्षेत्रों को तहस-नहस कर दिया गया है, कमांडो दंडकारण्य के जंगलों के हर इंच पर कब्ज़ा कर रहे हैं. माओवादी कैडर का आधार लगभग खत्म हो चुका है.