फर्जी पंजीयन कर धान बिक्री करने वालों का भुगतान रोकने हुई शिकायत, बिचौलियों में मचा हड़कंप?

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Complaint of stopping the payment of those who sell paddy by fake registration, there was a stir among the middlemen?

रायपुर – नवीन जिला सक्ती में फर्जी रकबा पंजीयन कर धान बेचने का बड़ा मामला सामने आया है। मामले की शिकायत शाखा प्रबंधक कार्यालय पहुंच चुकी है और शिकायतकर्ता ने उन सभी किसानों का भुगतान रोकने और जांच कर उचित कार्यवाई करने मांग किया है। पूरा मामला धान खरीदी केंद्र पतेरापाली का है।

क्या है पूरा मामला….

सक्ती जिले के धान खरीदी केंद्र पतेरापाली में कुछ किसानों ने फर्जी पंजीयन कराकर धान बिक्री किया है। बताया जा रहा है ये सभी किसान खरीदी के अंतिम दिन ही अपना धान बेचे हैं। ये किसान राजस्व रिकार्ड में अपने नाम से दर्ज भूमि के अलावा दूसरे की भी जमीन का पंजीयन कराकर रकबा बढ़ाया गया है और उसके बाद ज्यादा मात्रा में धान का विक्रय किया गया है।

सूत्रों की माने तो इस फर्जीवाड़ा के पीछे समिति अध्यक्ष राजेश गबेल, खरीदी प्रभारी महेत्तर साहू और कंप्यूटर ऑपरेटर जय कुमार गभेल की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि धान खरीदी के अंतिम दिन ही यह खेल किया गया है और आखिरी दिन ही खरीदी की लिमिट को भी बढ़ाया गया था और एक ही दिन में 882 क्विंटल धान खरीदी किया गया है।

महेतर साहू खरीदी प्रभारी पतेरापाली

सूत्र यह भी बताता है कि इन सभी लोगों को बैंक के वरिष्ठ अधिकारी और नोडल अधिकारी का भी संरक्षण मिल रहा है तभी इतना सब कुछ कर पाना संभव है क्योंकि इतना बड़ा फर्जीवाड़ा कर पाना बिना जिम्मेदार अधिकारी के संभव नहीं है। इसके अलावा धान की राशि का आहरण भी करना है और उसका हिस्सा भी सभी को मिलना है जो कि इनके सहयोग से हो पाना नामुंकिन नजर आ रहा है।

हैरानी की बात तो यह है कि इसी धान खरीदी केंद्र में आखिरी दिन खरीदी लिमिट बढ़ाकर सबसे ज्यादा धान की खरीदी की गई, जबकि अन्य केंद्रों में प्रभारी समाप्ति और भौतिक सत्यापन की तैयारी में लगे रहे। इसके अलावा यहां अंतिम दिन फड़ में धान की उपलब्ध मात्रा का जिम्मेदार अधिकारी बीईओ सक्ती राठौर द्वारा कार्यालय में ही बैठकर सत्यापन कर दिया गया जो की इनके साठगाठ और मंशा को भी स्पष्ट करता है।

जानकारी यह भी सामने आ रही है कि शिकायत होने के बाद अधिकारी जांच में जुट गए है जिसके बाद से बिचौलियों का आपस में संपर्क भी होना शुरू हो गया है। कयास लगाई जा रही है कि इस मामले की जांच होने पर कई सफेद पोश लोग भी घबरा रहे हैं। हालाकि मामले की सच्चाई तो जांच होने के बाद ही सामने आएगी।

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