रायपुर। छत्तीसगढ़ पहली बार देश के सबसे बड़े पुलिस मंच की मेजबानी करने जा रहा है। 28 से 30 नवंबर तक नवा रायपुर स्थित IIM परिसर में 60वां अखिल भारतीय DGP–IGP सम्मेलन आयोजित होगा। यह सम्मेलन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर रणनीति तैयार करने के लिए माना जाता है। इस बार छत्तीसगढ़ की मेजबानी को सुरक्षा और प्रशासनिक दृष्टि से काफी अहम माना जा रहा है।
देशभर के DGP, IGP और केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुख होंगे शामिल
सम्मेलन में देश के सभी राज्यों के DGP, IGP, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख, खुफिया विभाग के अधिकारी और शीर्ष पुलिस नेतृत्व शामिल होंगे। सुरक्षा क्षेत्र से जुड़ी लगभग हर अहम संस्था इस सम्मेलन का हिस्सा बनेगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े 8 बड़े एजेंडा तय
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस प्रतिष्ठित सम्मेलन के लिए आठ प्रमुख एजेंडा निर्धारित किए हैं। इसमें शामिल होंगे:
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नक्सलवाद और आंतरिक सुरक्षा
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साइबर अपराध और डिजिटल सुरक्षा
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घुसपैठ और सीमा प्रबंधन
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आतंकवाद और कट्टरवाद पर नियंत्रण
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तस्करी, ड्रग नेटवर्क और संगठित अपराध
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क्राइम मॉनिटरिंग की नई टेक्नोलॉजी
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राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय
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उभरती सुरक्षा चुनौतियों का विश्लेषण
इन मुद्दों पर देशभर के पुलिस प्रमुख सामूहिक रणनीति और भविष्य की कार्ययोजना पर मंथन करेंगे।
छत्तीसगढ़ के लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह सम्मेलन?
यह पहली बार है जब छत्तीसगढ़ को इतने बड़े राष्ट्रीय सुरक्षा मंच की मेजबानी मिली है।
राज्य पिछले कई वर्षों से नक्सल उन्मूलन, सुरक्षा सुधार, और साइबर पुलिसिंग में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है।
इस सम्मेलन की मेजबानी से छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक क्षमता और सुरक्षा ढांचे की मजबूती राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित होगी।
नवा रायपुर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सम्मेलन को देखते हुए नवा रायपुर में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। वीवीआईपी मूवमेंट, तकनीकी निगरानी, ट्रैफिक कंट्रोल और इवेंट मैनेजमेंट के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं।
देश की सुरक्षा रणनीति के लिए अहम बैठक
अखिल भारतीय DGP–IGP सम्मेलन को राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा तय करने वाली सबसे प्रभावशाली बैठक माना जाता है।
रायपुर में होने वाला 60वां संस्करण कई महत्वपूर्ण सुरक्षा सुधारों और भविष्य की नीति का आधार बनेगा।

