Chhattisgarh Police will write a letter to Google, IG gave instructions
अम्बिकापुर। साइबर ठगी के अधिकांश मामलों में लोग इसलिए जालसाजों के झांसे में आए क्योंकि उन्होंने गूगल सर्च के जरिए किसी सेवा प्रदाता कंपनी से संपर्क किया था. फिर ठग को संबंधित कंपनी का प्रतिनिधि समझकर बैंक डिटेल समेत अन्य पूरी जानकारी दे दी. फिर ठग ने खाते में जमा पूरी रकम से हाथ साफ कर दिया. पुलिस भी इन मामलों की जांच कर परेशान हो गई है।
इसी वजह से सरगुजा आईजी रामगोपाल गर्ग ने पुलिस को निर्देश दिया है कि गूगल को नोटिस जारी किया जाए. ताकि वह अपने सर्च रिजल्ट के एल्गोरिथ्म में बदलाव करे और प्रतिष्ठित कंपनियों से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर व उनका नंबर बताते हुए ठगी करने वालों को ब्लॉक करे. पुलिस द्वारा ब्लॉक कराने के लिए आवेदन देने की जरूरत न पड़े. अब जल्द ही सरगुजा पुलिस इस आशय का नोटिस गूगल को भेजने वाली है।
आपको बता दें कि इस संबंध में सरगुजा आईजी रामगोपाल गर्ग का बयान भी आ गया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि आमतौर पर पुलिस द्वारा सूचना देने के बाद ही गूगल द्वारा जालसाजों के नंबर वाली वेबसाइट्स को सर्च रिजल्ट से ब्लॉक किया जाता है. लेकिन, तब तक ठग अपना काम कर चुके होते हैं और कई लोगों से लाखों- करोड़ों रुपये ठगने के बाद दूसरी जगह वेबसाइट बनाकर अपना नंबर डालकर ठगी करने लग जाते हैं. यदि गूगल प्रतिष्ठित कंपनियों का नाम देकर अपना नंबर डालने वाले ठगों की पहले से पड़ताल कर ले और ब्लॉक कर ले तो ऐसी समस्या कम आएगी और लोग ठगे जाने से बच सकेंगे.
आईजी का कहना है कि गूगल अपने सर्च एल्गोरिथ्म में बदलाव कर ऐसा कर सकता है. दरअसल, आमतौर पर हम यदि किसी भी कंपनी का कस्टमर केयर गूगल सर्च में खोजते हैं तो दो तरह की गड़बड़ियां देखने को मिलती है. एक तो यह कि ठग असल वेबसाइट से मिलती-जुलती दूसरी वेबसाइट बनाकर उसमें कंपनी के नंबर की जगह अपना संपर्क नंबर दर्ज कर देते हैं. कम जानकारी रखने वाले ऐसी वेबसाइट पर चले जाते हैं और उस नंबर को नोट कर ठगों से संपर्क कर बैठते हैं.