छत्तीसगढ़ – 5 एकड़ सरकारी जमीन दो अग्रवाल भाइयों के नाम कैसे हुई दर्ज? पटवारी ही या तहसीलदार भी हैं शामिल?

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5 एकड़ सरकारी जमीन दो अग्रवाल भाइयों के नाम कैसे हुई दर्ज? 

रायपुर – छत्तीसगढ़ के नवीन जिला सक्ती में सरकारी जमीन की हेरा फेरी का बड़ा मामला सामने आया है, जहां छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि को दो अग्रवाल भाइयों के नाम पर राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कर दी गई है। रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने का फायदा उठाते हुए दोनों अग्रवाल भाइयों ने बिना फसल उगाए ही पंजीयन करा लिया जिसकी गिरदावरी भी हो गई और शासन की योजना का फायदा उठाते हुए समर्थन मूल्य पर धान भी बेच दी।

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शासकीय मद में दर्ज लगभग 5 एकड़ भूमि को आखिरकार किस नियम के तहत दोनों भाइयों के नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कर दी गई? यह जांच का विषय है। वह कौन जिम्मेदार हल्का पटवारी है या फिर राजस्व विभाग का वरिष्ठ अधिकारी/ कर्मचारी है जिसने यह काम किया है, सभी का खुलासा जांच में होगा।

इसके अलावा बड़ी बात ऋण पुस्तिका बन जाना भी है क्योंकि समर्थन मूल्य पर धान बेचने भूमि पंजीयन के लिए ऋण पुस्तिका भी अनिवार्य दस्तावेजों में से है जिसके अवलोकन पश्चात ही भूमि का पंजीयन किया जाता है। क्या उपार्जन केन्द्र में प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर ने उक्त भूमि की किसान द्वारा ऋण पुस्तिका उपलब्ध कराई गई जिसका अवलोकन करने के पश्चात पंजीयन किया है? और यदि नहीं किया है तो इसमें उपार्जन केन्द्र का प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर भी शामिल हो सकते हैं जिस पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।

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इस मामले से जुड़े जो भी दस्तावेज तहसील कार्यालय से प्राप्त हुए हैं उन दस्तावेजों के साथ जल्द ही समाचार का प्रशासन किया जाएगा।

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