छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बांकीमोंगरा नगर पालिका परिषद की कमेटी के वित्तीय अधिकारों पर लगाई रोक

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कोरबा/बिलासपुर, 4 अक्टूबर 2024: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नवगठित बांकीमोंगरा नगर पालिका परिषद की संचालन समिति के वित्तीय अधिकारों पर रोक लगाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने नगर पालिका के गठन की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब तक इसका नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है, तब तक यह कमेटी कैसे कार्य कर सकती है।

 

यह मामला नगर पालिक निगम कोरबा से पृथक किए गए 8 वार्डों में से 5 वार्ड के पार्षदों द्वारा दायर की गई याचिका से संबंधित है। पार्षदों पवन कुमार गुप्ता, अजय प्रसाद, शाहिद कुजूर, कौशिल्या, और श्रीमति राजकुमारी ने अपने अधिवक्ता जूही जायसवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में बताया गया कि नगर निगम ने वर्ष 2023 में अधिसूचना जारी कर अपने आठ वार्डों को अलग कर दिया, लेकिन बांकीमोंगरा के नाम से नया नगर पालिका परिषद गठन का कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया।

 

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने कोर्ट में यह तर्क रखा कि छग म्युनिसिपालिटी एक्ट 1961 की धारा 5 के तहत बांकीमोंगरा को नगर पालिका परिषद गठन के संबंध में नोटिफिकेशन प्रदेश के राज्यपाल द्वारा जारी किया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा कोई नोटिफिकेशन राज्यपाल द्वारा जारी नहीं किया गया। इसके बावजूद, बिना नोटिफिकेशन के ही एक कमेटी गठित की गई है, जो कि अवैध है।

 

न्यायाधीश सचिन सिंह राजपूत ने इस मामले पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। लेकिन राज्य सरकार ने राजपत्र में प्रकाशन संबंधी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा सकी और जवाब के लिए समय मांगा। इस पर याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने मांग की कि जब तक कोई जवाब नहीं आता या निर्णय नहीं होता, तब तक कमेटी के वित्तीय अधिकारों पर रोक लगाई जानी चाहिए। न्यायाधीश ने इस पर विचार करते हुए कमेटी के वित्तीय अधिकारों पर रोक लगाने का आदेश दिया।

 

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