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Chhattisgarh Guideline Rate Increase रायपुर। प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बुधवार को जमीन के गाइडलाइन दर में बढ़ोतरी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में गाइडलाइन दर न बढ़ने के पीछे कांग्रेस की एक बड़ी साज़िश थी। आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने शराब, कोयला और महादेव सट्टा के अवैध धन को जमीन में खपाने की योजना के तहत गाइडलाइन दर को केवल दस फीसदी पर रोक रखा था।
ओपी चौधरी ने कहा कि कांग्रेस के लोग कम दर पर जमीनें खरीदकर बड़ी मात्रा में भूमि इकट्ठा कर रहे थे। “गाइडलाइन दर को जानबूझकर कम रखा गया ताकि अवैध कमाई को जमीन में लगाया जा सके,” उन्होंने आरोप लगाया।
‘जहां त्रुटि, वहाँ सुधार किया जाएगा’
वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि नई गाइडलाइन दरों में कहीं कोई त्रुटि है, तो उसे तत्काल ठीक कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का 99 फीसदी ध्यान मध्यवर्गीय परिवारों की लोन सुविधा, किसानों को जमीन अधिग्रहण पर मिलने वाले मुआवजे, और रियल एस्टेट सुधार पर केंद्रित है।
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किसानों और मध्यवर्ग पर गाइडलाइन दर का सीधा प्रभाव
चौधरी ने बताया कि जहां भी जमीन का अधिग्रहण होता है, वहां गाइडलाइन दर कम होने से सीधे तौर पर किसान को नुकसान होता है। वहीं गाइडलाइन रेट घर बनाने वाले मध्यवर्गीय परिवारों की होम लोन की पात्रता और मूल्यांकन को भी प्रभावित करता है।
उन्होंने कहा कि बढ़ी गाइडलाइन दर से किसानों को अधिग्रहण की स्थिति में उचित मुआवजा मिलेगा और रियल एस्टेट सेक्टर में भी पारदर्शिता बढ़ेगी।
राजनीतिक बयानबाज़ी हुई तेज
वित्त मंत्री के इस बयान के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने भी पलटवार की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं सरकार का दावा है कि नई गाइडलाइन दरें पूरी तरह पारदर्शी, न्यायसंगत और जनहितकारी हैं।

