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रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ में डायल 112 इमरजेंसी सेवा लाखों लोगों के लिए जीवन रक्षक साबित हुई है। साल 2018 से अब तक लगभग 1.70 करोड़ लोगों ने 112 नंबर पर कॉल किया, जिनमें से करीब 46 लाख कॉल सहायता योग्य पाई गईं। इस सेवा की मदद से 4 लाख से अधिक घायलों की जान बचाई जा चुकी है, जबकि हजारों घटनाओं में पुलिस, फायर और एम्बुलेंस सेवाएं समय पर पहुंची हैं।
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क्या है डायल 112 सेवा?
डायल 112 छत्तीसगढ़ सरकार की एक एकीकृत आपातकालीन सेवा (Integrated Emergency Response System) है, जिसके जरिए नागरिक किसी भी आपात स्थिति में एक ही नंबर पर कॉल कर पुलिस, एम्बुलेंस या फायर ब्रिगेड की मदद ले सकते हैं। यह सिस्टम साल 2018 में शुरू किया गया था और अब तक राज्य के 17 जिलों में पूरी तरह सक्रिय है।
हर मिनट पर तैयार रहती है टीम
इस सिस्टम में प्रशिक्षित ऑपरेटर 24×7 कॉल रिसीव करते हैं। कॉल मिलते ही निकटतम इमरजेंसी रिस्पॉन्स वाहन (ERV) को मौके पर भेजा जाता है।
👉 औसतन हर कॉल का रिस्पॉन्स टाइम 10 से 15 मिनट के बीच होता है।
👉 गंभीर हादसों में फर्स्ट रिस्पॉन्स मेडिकल टीम (FRMT) भी मौके पर पहुंचती है।
अब तक 4 लाख लोगों की बचाई गई जान
112 सेवा की मदद से सड़क दुर्घटनाओं, घरेलू हिंसा, मेडिकल इमरजेंसी और आगजनी की हजारों घटनाओं में त्वरित सहायता पहुंचाई गई।
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4 लाख से ज्यादा घायल या बीमार व्यक्तियों को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया।
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10 लाख से ज्यादा घटनाओं में पुलिस ने त्वरित एक्शन लिया।
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हजारों परिवारों को संकट की घड़ी में राहत मिली।
17 जिलों में सिस्टम पूरी तरह सक्रिय
डायल 112 सिस्टम अभी रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, कोरबा, रायगढ़, सरगुजा, जशपुर, बालोद, कवर्धा, बेमेतरा, महासमुंद, धमतरी, बलौदाबाजार, बस्तर, कोण्डागांव और कोंडागांव जैसे जिलों में सक्रिय है। शेष जिलों में भी जल्द सेवा शुरू करने की तैयारी है।
आधुनिक तकनीक से लैस कंट्रोल रूम
रायपुर में स्थित सेंट्रल 112 कंट्रोल रूम अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है।
यहां GPS आधारित ट्रैकिंग सिस्टम, लाइव लोकेशन मॉनिटरिंग और रीयल-टाइम कम्युनिकेशन सिस्टम के जरिए वाहनों को गाइड किया जाता है।
आम लोगों के लिए कितनी मददगार है यह सेवा
डायल 112 ने न केवल हादसों के शिकार लोगों की जान बचाई है, बल्कि घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ और अपराध की घटनाओं में भी पीड़ितों तक त्वरित सहायता पहुंचाई है।
सरकार अब इस सेवा को और विस्तार देने की तैयारी में है ताकि राज्य के हर कोने तक आपात मदद पहुंच सके।
एक कॉल, तीनों मदद — पुलिस, फायर, एम्बुलेंस
पहले अलग-अलग सेवाओं के लिए अलग नंबर थे (100, 101, 102)। अब सभी सेवाओं को एकीकृत कर “डायल 112” बनाया गया है, ताकि एक कॉल में ही पूरी सहायता मिल सके।
भविष्य की योजना
राज्य सरकार इस सेवा में AI आधारित कॉल एनालिसिस और ऑटो ट्रैकिंग सिस्टम जोड़ने की योजना बना रही है। इससे मदद की गति और सटीकता दोनों बढ़ेंगी।

