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Chhattisgarh Crime News : दुर्ग, छत्तीसगढ़: मोहन नगर थाना पुलिस ने 60 वर्षीय परमसुख सोनी को एक नाबालिग लड़के से अप्राकृतिक कृत्य (Unnatural Offence) और यौन शोषण के गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी ने लिफ्ट देने के बहाने नाबालिग को अपनी हवस का शिकार बनाया, जिसके बाद पीड़ित के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे सलाखों के पीछे भेज दिया।
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लिफ्ट देने के बहाने दिया वारदात को अंजाम
घटना शुक्रवार रात की है। 17 वर्षीय पीड़ित नाबालिग ने आरोपी परमसुख सोनी से स्कूटी पर लिफ्ट मांगी। शुरुआती जानकारी के अनुसार, कुछ दूर जाने के बाद ही आरोपी ने अपनी नीयत उजागर कर दी और नाबालिग से अश्लील हरकतें करना शुरू कर दिया।
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शारीरिक शोषण: आरोपी ने पहले पीड़ित को किस किया और नाबालिग के मना करने के बावजूद उसके संवेदनशील अंगों को छूने लगा।
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घबराकर भागा पीड़ित: घटना से घबराया हुआ बालक किसी तरह खुद को छुड़ाकर अपने घर पहुंचा और परिजनों को पूरी आपबीती सुनाई।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर आरोपी को भेजा जेल
नाबालिग से जुड़े इस गंभीर मामले की जानकारी मिलते ही पीड़ित के परिजनों ने तुरंत मोहन नगर थाना में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की।
थाना प्रभारी केशव कोसरे के अनुसार, पुलिस ने आरोपी परमसुख सोनी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा $296/12$ (यह संभवतः प्रेस रिपोर्टिंग में $377$ या अन्य संबंधित धाराओं का गलत उल्लेख हो सकता है, लेकिन पुलिस की कार्रवाई के आधार पर मामला यौन अपराध से संबंधित है) और POCSO (Protection of Children from Sexual Offences) एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया।गिरफ्तारी के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। थाना प्रभारी ने जोर देकर कहा कि नाबालिगों से जुड़े मामलों में पुलिस जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाती है और लिखित शिकायत मिलते ही तुरंत गिरफ्तारी की कार्रवाई की गई है।
कानूनी पहलू: POCSO एक्ट क्या है?
POCSO एक्ट 2012, बच्चों को यौन शोषण और यौन अपराधों से बचाने के लिए बनाया गया एक विशेष कानून है। इस एक्ट के तहत, 18 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ होने वाले किसी भी यौन अपराध को गंभीरता से लिया जाता है, और आरोपियों के लिए सख्त सजा का प्रावधान है।

