रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम कर ली है। यह देश की पहली विधानसभा बन गई है, जहां अब तक तीन राष्ट्रपतियों ने सदस्यों को संबोधित किया है। भारत के राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, प्रतिभा देवीसिंह पाटिल और अब द्रौपदी मुर्मू इस ऐतिहासिक सूची में शामिल हो चुके हैं।
राष्ट्रपतियों का संबोधन: छत्तीसगढ़ विधानसभा की ऐतिहासिक परंपरा
1. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (2004)
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28 जनवरी 2004 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में ऐतिहासिक संबोधन दिया था।
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इस दौरान उन्होंने “विकसित भारत 2020” का विजन प्रस्तुत किया और वीडियो प्रोजेक्टर के माध्यम से विधायकों को मार्गदर्शन दिया।
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यह भारत की पहली विधानसभा बनी थी, जहां किसी राष्ट्रपति ने सीधे विधानसभा के सदस्यों को संबोधित किया।
2. प्रतिभा पाटिल (2011)
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24 जून 2011 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने छत्तीसगढ़ विधानसभा को संबोधित किया था।
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यह दूसरी बार था जब किसी राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ के विधायकों के समक्ष अपने विचार रखे।
3. द्रौपदी मुर्मू (2025)
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24 मार्च 2025 को भारत की वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू छत्तीसगढ़ विधानसभा में संबोधन देंगी।
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यह अवसर छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए ऐतिहासिक होगा, क्योंकि यह देश की पहली विधानसभा बन जाएगी, जहां तीन राष्ट्रपतियों ने संबोधन किया होगा।
छत्तीसगढ़ विधानसभा मना रही है रजत जयंती वर्ष
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1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ था और 14 दिसंबर 2000 को छत्तीसगढ़ विधानसभा का पहला सत्र आयोजित हुआ।
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इस वर्ष विधानसभा की स्थापना को 25 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, जिसे रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
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पूरे वर्ष विधानसभा में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।