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रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पांच आरोपियों को आज सीबीआई की विशेष कोर्ट में पेश किया गया। इनमें पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, पीएससी के सचिव रहे पूर्व आईएएस जीवनलाल ध्रुव, उनके बेटे सुमीत ध्रुव, निशा कोसले और दीपा आदिल शामिल हैं।
सीबीआई ने इन सभी को गिरफ्तार कर तीन दिन की रिमांड पर लिया था। रिमांड पूरी होने पर आज इन्हें फिर कोर्ट में पेश किया गया। इससे पहले इस मामले में सात और लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
अब तक की कार्रवाई:
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18 नवंबर को तत्कालीन अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर एंड इस्पात के निदेशक श्रवण कुमार गोयल गिरफ्तार।
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10 जनवरी को नितेश सोनवानी (पूर्व अध्यक्ष के भतीजे व चयनित डिप्टी कलेक्टर) और ललित गणवीर (तत्कालीन उप परीक्षा नियंत्रक) समेत पांच गिरफ्तार।
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12 जनवरी को शशांक गोयल, भूमिका कटियार (दोनों चयनित डिप्टी कलेक्टर) और साहिल सोनवानी (चयनित डीएसपी) को गिरफ्तार किया गया।
घोटाले का आरोप:
2020 से 2022 के बीच आयोजित परीक्षाओं और इंटरव्यू में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ हुईं। आरोप है कि योग्य अभ्यर्थियों को दरकिनार कर प्रभावशाली राजनेताओं और अफसरों के करीबियों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत उच्च पदों पर चयनित किया गया।