धान उठाओ की लेट लतीफी पड़ सकती है भारी?

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धान उठाओ की लेट लतीफी पड़ सकती है भारी?

रायपुर – धान खरीदी छत्तीसगढ़ में अंतिम चरण की ओर है। पूर्व में निर्धारित धान खरीदी समय सीमा के अनुसार 31 जनवरी अंतिम तिथि है। शासन द्वारा अब तक खरीदी की तिथि को बढ़ाने किसी भी प्रकार की कोई घोषणा नहीं की गई है। ऐसे में 31 जनवरी को अंतिम माना जा रहा है।

पूरे प्रदेश में मौसम में बदलाव नजर आ रहा है। कहीं हल्की बारिश तो कहीं बूंदाबांदी होने लगी है, वही बादल भी छाया हुआ है। वही खरीदी केंद्र में रखे धान के उठाओ को लेकर अब भी नियमित व्यवस्था देखने को नहीं मिल रही है। ताजा मामला छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले का है जहां अधिकांश खरीदी केंद्रों में बफर लिमिट से भी ज्यादा मात्रा में धान रखा हुआ है।

मौसम में हो रहे परिवर्तन के कारण खरीदी किए गए धानों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तमाम उपाय करने के बाद भी बचा पाना मुश्किल नजर आ रहा है। ऐसे में खरीदी केंद्र प्रभारियों की चिंता लगातार बढ़ती हुई नजर आ रही है। खरीदी प्रभारी लगातार धान के उठाओ की मांग कर रहे हैं। लेकिन डीओ जारी होने के बाद भी अधिकांश मिलर उठाओ को लेकर तत्परता नहीं दिख रहे हैं।

ऐसे में खरीदे गए धान में बड़ा नुकसान हो सकता है। बेमौसम बारिश से नमी के कारण खरीदे गए धान में भी खराबी आने की संभावना है। इसलिए उठाओ को लेकर जिम्मेदार विभाग को सक्रिय होने की आवश्यकता है। पूर्व में भी हमने समाचार प्रकाशित करते हुए प्रशासन को अगाह किया था की मौसम की खराबी कभी भी हो सकती है। जिस तरह से अधिकांश खरीदी केंद्रों में धान के रखरखाव के लिए प्लेटफार्म और शेड नहीं बनाया गया है जिसके कारण जमीनी स्तर पर धान को रखना उनकी मजबूरी बन गई है।

ऐसे में इस तरह के मौसम से अचानक होने वाली बारिश के कारण धान में नमी के साथ-साथ उनके गुणवत्ता में भी खराबी हो सकती है। अधिकांश खरीदी केंद्रों में तारपोलिन डालकर धान को बचाने का प्रयास जरूर किया जा रहा है। लेकिन वह तब तक नाकाम नजर आ रही है जब तक उन्हें उचित रूप से शेड या चबूतरा बनाकर ना दिया जा सके। हालांकि इस वर्ष की खरीदी अंतिम चरण में है और अधिकांश खरीदी केंद्र में बफर लिमिट को पार कर चुकी है। ऐसे में सबसे पहले जिम्मेदार विभाग को धान की उठाओ को लेकर ध्यान देने की आवश्यकता है।

जिला प्रशासन को इस मामले में तत्परता दिखाते हुए सख्ती से उठाव कराने की आवश्यकता है ताकि बेमौसम होने वाली बारिश से फसल को नुकसान होने से बचाया जा सके, वही खरीदी केंद्र में खरीदी कर रहे प्रभारियों को भी राहत मिल सके।

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