C Voter Survey: Congress forming government in Chhattisgarh in CVoter survey, projected to win 54 seats
नई दिल्ली। सीवोटर छत्तीसगढ़ ओपिनियन पोल के अनुसार, इस साल के अंत में होने वाले चुनावों में 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस को 54 सीटें मिलने का अनुमान है। पिछले विधानसभा चुनाव में 15 की तुलना में भाजपा के 35-41 सीटें जीतने का अनुमान है। कांग्रेस का वोट शेयर 2.5 प्रतिशत के बढ़ने का अनुमान है। इसका वोट शेयर 43.1 फीसदी से बढ़कर 45.6 फीसदी होने का अनुमान है।
भाजपा को 41.1 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है, जो पिछले विधानसभा चुनाव के 33 फीसदी से 8.1 प्रतिशत अधिक है। गौरतलब है कि अन्य श्रेणी के राजनीतिक दलों का वोट शेयर 23.9 फीसदी से घटकर 13.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इस प्रकार इसमें 10.6 फीसदी की गिरावट आयेगी। एबीपी-सीवोटर छत्तीसगढ़ ओपिनियन पोल के अनुसार, 48.8 प्रतिशत की अप्रूवल रेटिंग के साथ छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल राज्य में फिलहाल सबसे लोकप्रिय सीएम उम्मीदवार हैं।
सर्वेक्षण में उनके पूर्ववर्ती भाजपा के रमन सिंह 23.7 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर हैं। टी.एस. सिंहदेव को 13 फीसदी और भाजपा के रमेश बैस को 1.2 फीसदी वोट मिले। एबीपी-सीवोटर छत्तीसगढ़ ओपिनियन पोल के अनुसार, बघेल छत्तीसगढ़ में सत्ता में वापसी के लिए तैयार हैं। वह 90 सदस्यीय विधानसभा चुनावों में 48-54 सीटें जीतने के अनुमान के साथ सत्ता में वापसी करने के लिए तैयार हैं। सर्वेक्षण में सभी 90 विधानसभा सीटों के कुल 7,679 मतदाताओं की राय जानी गई।
सर्वे में भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह 23.7 फीसदी वोट के साथ दूसरे नंबर पर हैं। एबीपी-सीवोटर छत्तीसगढ़ ओपिनियन पोल के अनुसार, बघेल छत्तीसगढ़ में सत्ता में वापसी के लिए तैयार हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, इस साल के अंत में होने वाले 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस को 48-54 सीटें मिलने का अनुमान है। इसके साथ बघेल सत्ता बरकरार रखेंगे। सर्वेक्षण का नमूना आकार 7,679 है जिसमें 90 विधानसभा सीटों को शामिल किया गया है।
विधानसभा चुनाव में भाजपा के 35-41 सीटें जीतने का अनुमान है, जबकि पिछले चुनाव में उसे 15 सीटें मिली थीं। कांग्रेस का वोट शेयर 2.5 प्रतिशत बढ़कर पिछली बार के 43.1 प्रतिशत की तुलना में इस बार 45.6 फीसदी होने का अनुमान है। भाजपा को 41.1 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है, जो पिछले विधानसभा चुनाव के 33 फीसदी से 8.1 फीसदी ज्यादा है। गौरतलब है कि अन्य श्रेणी के राजनीतिक दलों का वोट शेयर 10.6 फीसदी घटकर 23.9 फीसदी की तुलना में केवल 13.3 फीसदी रह जाने का अनुमान है।