आदिवासी बनकर जमीन खरीदी और ब्राह्मण बनकर बेच डाली करोड़ों में जमीन, धोखाधड़ी करने का हुआ अपराध दर्ज…

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आदिवासी बनकर जमीन खरीदी और ब्राह्मण बनकर बेच डाली करोड़ों में जमीन, धोखाधड़ी करने का हुआ अपराध दर्ज…

कोरबा :- कोरबा जिला में जमीन फर्जीवाड़ा का एक से बढ़कर एक मामले का उजागर होता रहा है भू माफिया अब आदिवासी की जमीन को हड़पने के लिए न्यायालय को भी गुमराह कर डाले यहीं नहीं पहले फर्जी आदिवासी बनकर पंजीयन कार्यालय कोरबा में अज्ञात ब्यक्ति को खड़ा कराकर जमीन की रजिस्ट्री करा ली गई और उसे करोड़ों रुपये में बिक्री कर दी गई है,जिस पर न्यायालय के आदेश पर अपराध दर्ज किया गया है !

कोरबा जिला के  ग्राम गिरारी निवासी चैतराम कंवर की ग्राम रजगामार तहसील भैसमा जिला कोरबा में पैतृक जमीन खसरा नंबर150,176,179,181,115,137,163, 218 रकबा 0.30, 1.16, 0.95, 2.22, 1.67, 1.22, 0.34, 0.38 एकड़ भूमि स्थित है!

जिसे ओमपुर रजगामार निवासी थानसिंह पिता पुजेरी और सीता देवी पति सत्यनारायण द्वारा जाति गोड़ बनकर खसरा नंबर 115 रकबा 2.22 एकड़ भूमि को उप पंजीयक कार्यालय कोरबा में किसी अज्ञात ब्यक्ति को खड़ा करके 18 फरवरी 1991 को रजिस्ट्री करा लिया गया तथा उक्त भूमि को तत्कालीन हल्का पटवारी से सांठगांठ करते हुए सीता देवी पति सत्यनारायण मिश्रा द्वारा केवल अपने नाम पर ही नामांतरण करा लिया गया जिसका नामांतरण क्रमांक 03 वर्ष 1991-92 है बाद में उस जमीन को सीता देवी पति सत्यनारायण मिश्रा ने गैर आदिवासी 19 लोगों को करोड़ों रुपये में अवैध प्लाटिंग करते हुए टुकड़े में बिक्री कर दिया गया है!

ओमपुर रजगामार निवासी थानसिंह पिता पुजेरी तथा उनके अन्य सहयोगियों के द्वारा शेष बचे चैतराम कंवर की जमीन को हड़पने के लिए व्यवहार न्यायालय वर्ग- 2 कोरबा में ब्यवहार वाद क्रमांक 55/ ए – 1993 वाद दायर किया गया जिसमें चैतराम कंवर के स्थान पर किसी अज्ञात ब्यक्ति को खड़ा करके पूरी न्यायालिन प्रक्रिया को अंजाम दिया गया और न्यायालय से अपने पक्ष में निर्णय और डिक्री हासिल कर चैतराम कंवर की जमीन को थानसिंह द्वारा अपने नाम पर दर्ज करवा लिया गया!

चैतराम कंवर की माने तो वह अनपढ़ आदिवासी ब्यक्ति है तथा दूरस्थ वनांचल गाँव में निवास करता है कागजात की ज्यादा जानकारी नहीं रखता है जिसके कारण उसे अपने जमीन के बारे में हुये धोखाधड़ी की जानकारी काफी समय बीत जाने के बाद हुई जैसे ही उसे अपने साथ हुये धोखाधड़ी की जानकारी हुई वो अपने परिचितों और शुभचिन्तको के साथ जानकारी एकत्र करना शुरू कर दिया गया तथा अपने वकील के माध्यम से कागजात निकालने पर पता चला की थानसिंह सीता देवी और उनके साथियों द्वारा मिलकर षड्यंत्र पूर्वक उसके जमीन को अपने नाम पर कर लिए हैं तब चैतराम के द्वारा इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक कोरबा और घटना से संबंधित सिविल लाइन थाना रामपुर में की गई लेकिन किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होने से अपने अधिवक्ता सुब्हान अहमद सिद्दिकी के माध्यम से न्यायालय कोरबा में परिवाद दायर किया गया जिस पर न्यायालय द्वारा थानसिंह और सीता देवी के विरुद्ध अपराध दर्ज करने का आदेश जारी किया गया है जिस सिविल लाइन थाना रामपुर द्वारा अपराध क्रमांक 0344 / 2024 धारा 193, 204, 420, 467, 468, 471, 34 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया है!

चैतराम कंवर तथा उसके अधिवक्ता द्वारा बताया गया की उनके जमीन खसरा नंबर 115 रकबा 2.22 एकड़ भूमि को सीता देवी पति सत्यनारायण मिश्रा द्वारा गैर आदिवासियों को अवैध रूप से जमीन की बिक्री किया गया उन खरीददारों के खिलाफ भी संबंधित न्यायालय और थाना में शिकायत करने की बात कही गई है!

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