Monday, September 1, 2025

बीजेपी नेता रणधीर सिंह यादव हत्याकांड : अवैध संबंध और राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई में उलझी गुत्थी

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प्रयागराज, 1 सितंबर। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बीजेपी नेता रणधीर सिंह यादव की निर्मम हत्या का मामला और पेचीदा होता जा रहा है। घटना को एक हफ्ते से अधिक बीत चुका है, लेकिन अब तक पुलिस को रणधीर का मोबाइल फोन नहीं मिल सका है। जांच अधिकारियों के अनुसार, यही मोबाइल इस पूरे हत्याकांड का अहम सबूत साबित हो सकता है।

डॉ. उदय पर हत्या का शक गहराया

मुख्य आरोपी राम सिंह यादव की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को चौंकाने वाले खुलासे मिले हैं। पूछताछ में उसने बताया कि हत्या के बाद रणधीर का मोबाइल फोन डॉ. उदय ले गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, रणधीर और डॉ. उदय की पत्नी के बीच अवैध संबंध होने की बात सामने आई है। हत्या की जड़ में भी यही विवाद माना जा रहा है।

हत्या का तरीका और मकसद

22 अगस्त की रात रणधीर को पहले शराब पिलाई गई। इसके बाद राम सिंह, डॉ. उदय यादव, विजय यादव, सुजीत श्रीवास्तव, जय यादव और रवि पासी ने मिलकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। पहचान मिटाने के लिए चेहरे को पत्थर से कुचल दिया गया और शव को रेलवे ट्रैक पर डाल दिया गया, ताकि इसे हादसे का रूप दिया जा सके। रणधीर की स्कॉर्पियो गाड़ी को चित्रकूट के जंगलों में छोड़ दिया गया।

सूत्र बताते हैं कि हत्या के दौरान जब डॉ. उदय ने रणधीर का मोबाइल चेक किया तो उसमें अपनी पत्नी के साथ उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें देखकर वह भड़क उठा। तभी उसने तय कर लिया कि रणधीर को पूरी तरह खत्म कर देना है और उसके नाम-निशान तक मिटा देने हैं।

गिरफ्तारी और पुलिस की कार्रवाई

अब तक इस मामले में तीन आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं, जबकि डॉ. उदय, उसकी पत्नी समेत कई आरोपी फरार हैं। पुलिस का मानना है कि रणधीर का मोबाइल मिलने के बाद ही इस हत्याकांड की असली वजह और साजिश पूरी तरह साफ हो पाएगी।

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