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बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के शिक्षा विभाग में एक बड़ा मामला प्रकाश में आया है. लगभग 20 वर्षों से फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी कर रहे व्यक्ति पर जिला शिक्षा अधिकारी मेहरबान हैं. शिकायत के बावजूद उक्त शिक्षक को प्रमोशन और स्थानांतरण का लाभ वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. डीएन मिश्रा ने दिया है.
वहीं, शिकायतकर्ता ने जिला शिक्षा अधिकारी पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं. सालभर पहले तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने उक्त शिक्षक पर विभागीय जांच की मांग की थी, लेकिन वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी ने इन आदेशों को दबा दिया और उक्त व्यक्ति से सांठगांठ कर हाईकोर्ट से स्टे लाने तक का मौका दिया.
दरअसल, बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड में कमलेश्वर पटेल नामक शिक्षक बीते कई वर्षों से फर्जी अंकसूची के आधार पर नौकरी कर रहा है. इसकी शिकायत भी विभाग में की गई थी. कमलेश्वर पटेल ने अपने सर्विस बुक में 1997 में 12वीं पास होने का उल्लेख किया है, जबकि जिस सर्टिफिकेट का उन्होंने उल्लेख किया है, उसमें “सप्लीमेंट्री” लिखा हुआ है.
मामले में तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने उक्त शिक्षक पर विभागीय जांच की मांग की थी. लेकिन वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. डीएन मिश्रा ने पूरे मामले पर्दा डालते हुए शिक्षक कमलेश्वर पटेल को निलंबन से बहाल कर रामचंद्रपुर विकासखंड में पदस्थ किया.
वहीं चोरी चुपके स्वयं के आदेश का संशोधन कर वाड्रफनगर विकासखंड में भेजा है जबकि उक्त शिक्षक पर विभागीय जांच करना चाहिए था लेकिन मोटी रकम की उगाही और लेनदेन के बाद इतने बड़े प्रकरण को जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा दबाया गया है. पूरे प्रकरण में आवेदक गणों ने जिला शिक्षा अधिकारी पर लेनदेन करके मामले को दबाने का आरोप भी लगाया है.