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रायपुर/छत्तीसगढ़. डबल इंजन और सुशासन की सरकार में राज्य के मुख्यमंत्री के ऊर्जा विभाग में ही अधिकारीयों और ठेकेदार ने आपसी सांठगांठ करके केवल कागजों में ही काम को करके जमकर भ्रष्टाचार करते हुए करोड़ों रुपये का वारे नियारे कर लिए हैं!
शिकायतकर्ता और सूत्रों की माने तो छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल कोरबा पूर्व के कालोनी में सीवरेज लाईन के काम का ठेका लगभग तीन करोड़ रुपये में हुआ था जिसका ठेका मेसर्स संजय कुमार को मिला था जो मूलत वाराणसी का रहने वाला है और उसके द्वारा कालोनी के कुछ ही जगहों पर सीवरेज लाईन का काम किया गया और उसके द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों से सांठगांठ करते हुए कालोनी के शेष जगहों पर काम ही नहीं किया गया और कागजों में ही काम को पूरा बताकर ठेका का पूरा रकम ठेकेदार को भुगतान कर दिया गया!
आरटीआई कार्यकर्ता जितेन्द्र कुमार साहू ने कालोनी के सीवरेज लाईन काम की जानकारी लेने के लिए “सूचना के अधिकार” के तहत संबंधित सिविल विभाग में आवेदन लगाया गया लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने जानकारी देना मुनासिब नहीं समझा और प्रथम अपीलीय अधिकारी ने भी जानकारी दिलवाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई! क्योंकि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत गृह कोरबा पूर्व के विभागों में सूचना का अधिकार अधिनियम कानून का कोई मोल ही नहीं है।
जिससे सीवरेज लाईन के काम में भ्रष्टाचार की शंका शिकायतकर्ता के मन में और गहरी हो गई ! अगर ठेकेदार और सिविल विभाग कालोनी में सीवरेज लाईन के काम को अच्छे ढंग से पूरा कर लिया है तो दस्तावेज की जानकारी देने परेशानी क्यों हो रही है? सिविल विभाग द्वारा दस्तावेज की जानकारी नहीं देना कई सवाल खड़े करते हैं और काम में भ्रष्टाचार होने की मुहर भी लगाते हैं कहीं जिम्मेदार अधिकारी अपने अधिनस्थ कर्मचारियों और अधिकारियों को बचाने के लिए तो जानकारी देने में आनाकानी तो नहीं कर रहे हैं?
अगर शिकायतकर्ता के शिकायत पर जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारी संज्ञान लेकर सीवरेज लाईन के काम की जांच करवाते हैं तो “दुध का दुध, और पानी का पानी हो जायेगा” और आमजन के बीच एक बड़ा भ्रष्टाचार सामने आ सकता है!
शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत ऊर्जा विभाग छ ग शासन के सचिव को पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों और ठेकेदार मेसर्स संजय कुमार के विरुद्ध उच्च स्तरीय जांच कर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की गई है!