चीनी हैकर्स एक बार फिर से चर्चा में हैं, क्योंकि अब उनके द्वारा स्मार्टफोन्स को निशाना बनाने का खुलासा हुआ है। ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, ये हैकर्स मोबाइल फोन में सेंध लगाकर कॉल्स को सुनने और टेक्स्ट मैसेज को पढ़ने में सक्षम हैं। साइबर सिक्योरिटी फर्म iVerify ने दावा किया है कि ये हैकर्स चीनी सरकार के इशारे पर काम करते हैं और खास तौर पर सरकारी अधिकारी, राजनेता, टेक इंडस्ट्री के एग्जीक्यूटिव्स और पत्रकारों को टारगेट बना रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि ये हैकर्स बिना किसी लिंक या क्लिक के, सीधे फोन की सुरक्षा प्रणाली को बायपास कर सकते हैं।
खासतौर पर सरकारी कर्मचारियों को बनाया जा रहा निशाना
iVerify के सिक्योरिटी रिसर्चर्स का कहना है कि जिन लोगों को टारगेट किया गया, उनमें से अधिकतर या तो पहले सरकारी विभाग से जुड़े थे या इस क्षेत्र में रुचि रखते हैं। अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी और टेक एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि ये हैकर्स सीधे तौर पर चीनी सेना और इंटेलिजेंस एजेंसियों से जुड़े हो सकते हैं और अमेरिका के नागरिकों को प्रमुख रूप से निशाना बना रहे हैं। स्मार्टफोन्स की कमजोर सुरक्षा प्रणाली का फायदा उठाकर वे संवेदनशील जानकारियां चुरा रहे हैं।
रीयल टाइम में कॉल सुनने और SMS पढ़ने की क्षमता
नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी के एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह मोबाइल सुरक्षा के लिए बेहद गंभीर स्थिति है। अमेरिकी अधिकारियों ने लोगों को आगाह किया है कि अज्ञात नंबरों से आने वाले मैसेज या कॉल के ज़रिए हैकर्स डिवाइस का एक्सेस हासिल कर सकते हैं। वे रीयल टाइम में कॉल सुन सकते हैं और मैसेज पढ़ सकते हैं, जिससे निजी और संवेदनशील जानकारियों का दुरुपयोग हो सकता है।
हालांकि, चीनी सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है। लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब चीन पर स्मार्टफोन के जरिए जासूसी करने के आरोप लगे हैं। चीन में पहले भी सरकार द्वारा नागरिकों की निगरानी करने की बातें सामने आ चुकी हैं। अमेरिकी सिक्योरिटी एजेंसियों ने मोबाइल डिवाइसेज के लिए मजबूत साइबर सुरक्षा उपाय अपनाने की सिफारिश की है, ताकि इस तरह के साइबर हमलों से बचा जा सके।