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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की राजनीति में दल-बदल का दौर तेज हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू (JDU) को मंगलवार (19 अगस्त) को एक बड़ा झटका लगा, जब बेगूसराय की मटिहानी सीट से चार बार के विधायक रहे नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह ने आरजेडी (RJD) का दामन थाम लिया।
उन्होंने बेगूसराय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान औपचारिक रूप से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल होने की घोषणा की। बोगो सिंह के इस कदम को जेडीयू के लिए एक बड़ा नुकसान माना जा रहा है, क्योंकि वे बेगूसराय के एक मजबूत और लोकप्रिय नेता रहे हैं।
क्यों छोड़ा JDU का साथ?
बोगो सिंह ने कहा कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम करने के तरीके से नाखुश थे। उन्होंने दावा किया कि जेडीयू में अब कार्यकर्ताओं और नेताओं की बात नहीं सुनी जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि वे तेजस्वी यादव की नीतियों और युवाओं को लेकर उनकी सोच से प्रभावित हैं, जिसके कारण उन्होंने आरजेडी में शामिल होने का फैसला किया।
उनके आरजेडी में शामिल होने से बेगूसराय और आसपास के क्षेत्रों में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। आरजेडी को एक अनुभवी और लोकप्रिय नेता मिल गया है, जबकि जेडीयू को एक मजबूत सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अब नई रणनीति बनानी होगी।
यह दल-बदल का सिलसिला आगामी विधानसभा चुनाव से पहले और भी तेज हो सकता है, क्योंकि सभी पार्टियां अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अन्य दलों के असंतुष्ट नेताओं को लुभाने की कोशिश कर रही हैं।