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स्लग-माता दंतेश्वरी की डोली और छत्र की विदाई के साथ हुआ 75 दिनों तक चलने वाले ऐतिहासिक विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा का अधिकारिक समापन।
बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में 75 दिनों तक चलने वाले बस्तर दशहरा पर्व की मंगलवार को अंतिम रस्म पूरी की गयी। माता दंतेश्वरी और मावली माता की डोली विदाई के साथ बस्तर दशहरा पर्व का अधिकारिक समापन हो गया।
आज माता दंतेश्वरी मंदिर प्रांगण और गीदम रोड स्थित जिया डेरा मंदिर में माता की डोली को विदा करने जनसैलाब उमड़ पड़ा। डोली विदाई की आखिरी रस्म में राजपरिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव,सुकमा जमीदार परिवार से कुमार जयदेव, बस्तर सांसद महेश कश्यप, जगदलपुर महापौर संजय पांडे सहित सभी समाज के लोगों ने पूजा अर्चना के बाद मावली देवी की डोली को विदा किया।
लगभग 617 वर्षों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन आज भी पूरे विधि विधान से हुआ।
मावली माता की डोली की विदाई के दौरान पुलिस कर्मियों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। जवानों ने हर्ष फायर कर मावली माता की डोली को जगदलपुर स्थित दंतेश्वरी मंदिर से दंतेवाड़ा के लिए विदा किया।
बता दें कि दंतेवाड़ा से मावली माता की डोली दशहरा पर्व में शामिल होने के लिए जगदलपुर लाई जाती है, नवरात्रि की नवमी पर “मावली परघाव” की रस्म अदा की जाती है।
बस्तर दशहरा की बची रस्म में मावली माता की डोली को शामिल किया जाता है।विजयादशमी के बाद आगामी पड़ने वाले मंगलवार या शनिवार को डोली विदाई की रस्म पूरी की जाती है।
3 दिन पहले बस्तर संभाग से पहुंचे हजारों देवी देवताओं को बस्तर महाराजा कमलचंद और दशहरा पर्व समिति ने विदा किया था।आज मावली माता की डोली को ससम्मान विदाई दी गयी।
लोग मावली माता की डोली को विदा करने के लिए हाथों में फूल माला, अगरबत्ती, नारियल लेकर दंतेश्वरी मंदिर से 2 किलोमीटर तक मौजूद रहे. जगह-जगह मावली माता की डोली की पूजा अर्चना की गई, रस्म की अदायगी के साथ 75 दिनों तक चलने वाले बस्तर दशहरा पर्व का समापन होता है।
विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व पूरे देश में 75 दिनों तक मनाए जाने वाले और 617 साल पुरानी परंपरा का निर्वहन करने वाली एक अनूठा मिसाल है।बस्तर के दशहरा पर्व में 12 से अधिक अद्भुत रस्में निभाई जाती हैं।
बाइट-कुमार जयदेव,सुकमा जमीदार परिवार सदस्य।
बाइट-संजय पांडे,महापौर जगदलपुर।