महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मतदान की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे नेताओं के बीच जुबानी जंग में शब्दों की मर्यादा तार-तार हो रही है। महाराष्ट्र चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब बोली तू-तड़ाक तक पहुंच गई है। एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान पर पलटवार किया है। चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि ‘ऐ देवेंद्र फडणवीस, तुम मेरी जुबान का मुकाबला नहीं कर सकते, तुम, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी मिलकर बैठ गए, फिर भी मेरी जुबान का मुकाबला नहीं कर सकते।
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा, “फडणवीस बोले कि ऐ ओवैसी, वो बोले कि वोट जिहाद औ धर्मयुद्ध, हम चुनाव आयोग से पूछना चाहते हैं कि क्या ये बयान कानून के मुताबिक है या उसके खिलाफ है। इलेक्शन कमीशन को इसका जवाब देना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि मेरा नाम लेकर जिहाद और धर्मयुद्ध का नाम लिया जा रहा है। क्या ये इलेक्शन कमीशन के कानून के खिलाफ नहीं है। क्या ये आदर्श चुनाव आचार संहिता के खिलाफ नहीं है। क्या इलेक्शन कमीशन को इस पर कार्यवाई नहीं करना चाहिए।
AIMIM चीफ ने देवेंद्र फडणवीस पर विधायकों को खरीदने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “देवेंद्र फडणवीस तुमने कई विधायकों को खरीद लिया, इसे चोरी बोला जाए या डकैती बोला जाए। महाराष्ट्र का प्रोजेक्ट गुजरात क्यों जाने दिया पीएम मोदी से डर गया क्या, जुबान से मनोज जरांगे पाटिल का नाम निकलेगा क्या, तुम्हारी जुबान लड़खड़ा जाएगी।
ओवैसी ने भाजपा द्वारा श्रद्धेय माने जाने वाले हिंदुत्व विचारकों पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि फडणवीस के (वैचारिक) पूर्वजों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के बजाय उन्हें ‘प्रेम पत्र’ लिखे थे। फडणवीस ने 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करते हुए शनिवार को कहा था कि ‘वोट जिहाद’ का जवाब मतों के ‘धर्मयुद्ध’ से दिया जाना चाहिए।
ओवैसी ने चुनाव में एआईएमआईएम उम्मीदवार इम्तियाज जलील (औरंगाबाद पूर्व) और नासिर सिद्दीकी (औरंगाबाद मध्य) के समर्थन में छत्रपति संभाजीनगर के जिंसी इलाके में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमारे पूर्वजों ने अंग्रेजों के खिलाफ जिहाद किया था और फडणवीस अब हमें जिहाद के बारे में सिखा रहे हैं। नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस मिलकर भी मुझे बहस में नहीं हरा सकते।’ ओवैसी ने कहा कि ‘धर्मयुद्ध-जिहाद’ संबंधी टिप्पणी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।