बिलासपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार किया। जिससे नाराज महिलाओं ने रात में कार्यालय के सामने हंगामा किया। महिलाओं ने यह भी आरोप लगाया है कि, उन्हें रात में प्रशिक्षण और काम दिया जा रहा था। उन्होंने कहा कि, वे इस मामले की शिकायत कलेक्टर से करेंगी।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि, उन्हें आयुष्मान कार्ड बनाने का अतिरिक्त काम दिया जा रहा है। जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें रात में प्रशिक्षण के लिए बुलाया है। आरोप है कि दिनभर काम करने के बाद रात में भी प्रशिक्षण लेने जाना पड़ता है। जिससे उनके घरेलू काम प्रभावित हो रहा है।
इसके साथ ही क्षेत्र में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों के कारण रात में बाहर जाने में भी उन्हें डर लग रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि, उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की ओर से मिलाकर मात्र 10 हजार का वेतन दिया जाता है, जबकि काम की मात्रा कई गुना अधिक है।
प्रदर्शन के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ की जिला अध्यक्ष भारती मिश्रा ने कहा कि, हम आयुष्मान कार्ड बनाने का काम नहीं कर सकते। क्योंकि डबल ड्यूटी होने से समस्याएं हो रही हैं। इसके साथ ही उन्हें दूसरे विभागों का भी काम करने के लिए दबाव बनाया जाता है।
इस पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेश सिंह ने कहा कि, मैं झुकूंगा नहीं, बल्कि मुझे झुकाना आता है। उनके इस बयान से महिलाएं और भी नाराज हो गईं। अन्य विभागों की महिलाओं ने भी सुरेश सिंह के व्यवहार का विरोध किया और आंदोलन को समर्थन दिया।
इधर, जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेश सिंह का कहना है कि, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जो बिलासपुर शहरी परियोजना में काम करती हैं, उन्हें स्वास्थ्य विभाग के तहत काम करने के लिए अंतिम प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उनकी कुछ समस्याएं थी, जिसके कारण बातचीत करने आई थीं। उन्होंने महिलाओं से कोई दुर्व्यवहार और अभद्रता नहीं की है। उनकी समस्या को बैठकर दूर कर लिया जाएगा।