भारत से अमेरिका कर रहा टेक्नोलॉजी की मांग, इसरो ने दी जानकारी
ISRO:- स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत के बढ़ते कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब अमेरिका तक भारत से टेक्नोलॉजी शेयर करने की मांग करने लगा है। ये जानकारी किसी और नहीं बल्कि खुद इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के चीफ एस सोमनाथ ने दी है। ISRO चीफ ने बताया है कि जब चंद्रयान-3 मिशन के लिए स्पेसक्राफ्ट डेवलप किया जा रहा था, तब अमेरिका के एक्सपर्ट्स ने सुझाव दिया था कि इस टेक्नोलॉजी के बारे में भारत को अमेरिका के साथ जानकारी शेयर करनी चाहिए।
सोमनाथ पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की 92वीं जयंती के उपलक्ष्य में अब्दुल कलाम फाउंडेशन के कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि समय अब बदल चुका है। भारत सबसे बेहतर रॉकेट और दूसरे उपकरण बनाने में सक्षम है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पेस फील्ड को निजी प्लेयर्स (निजी बिजनेस) के लिए खोल दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारा देश बहुत शक्तिशाली है। हमारे ज्ञान और बुद्धिमत्ता का स्तर दुनिया में सर्वश्रेष्ठ स्तर का है। ISRO प्रमुख ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के लिए जब हमने अंतरिक्ष यान को डिजाइन और विकसित किया, तो हमने NASA-JPL की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया। बता दें कि NASA-JPL ने अमेरिका के सबसे कठिन मिशन को अंजाम दिया है, जिसने कई बड़े-बड़े रॉकेट डिजाइन किए हैं।