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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सतर्कता और वैज्ञानिक टीम की रातभर की मेहनत के बाद यह पुष्टि हो गई है कि श्रीनगर के पास हुए ऑपरेशन महादेव में मारे गए तीन आतंकी वही हैं जिन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में 26 निर्दोष लोगों की नृशंस हत्या की थी। गोलियों के खोलों की फोरेंसिक जांच के बाद संसद में खुद अमित शाह ने इसकी जानकारी देश को दी।
रातभर जागते रहे गृह मंत्री अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह सोमवार रात 5 बजे तक वैज्ञानिकों से संपर्क में बने रहे। श्रीनगर से चंडीगढ़ भेजे गए हथियारों की जांच चल रही थी, और शाह वीडियो कॉल के जरिए पूरी प्रक्रिया पर नजर बनाए हुए थे।
वैज्ञानिक परीक्षण से हुई 100% पुष्टि
चंडीगढ़ फोरेंसिक लैब में ऑपरेशन महादेव के बाद बरामद हथियारों से परीक्षण फायरिंग की गई। गोलियों के खोलों का मिलान बैसरन घाटी से मिले खोलों से किया गया। छह वैज्ञानिकों ने पुष्टि की कि दोनों में 100% समानता है।
संसद में दिया स्पष्ट जवाब
मंगलवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा, “इसमें संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है… पहलगाम में चलाई गई गोलियां और इन आतंकियों की बंदूक से चली गोलियां पूरी तरह मेल खाती हैं।”
ऑपरेशन महादेव में तीन पाकिस्तानी आतंकी ढेर
सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में श्रीनगर के पास लिडवास इलाके में तीन पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए। इनके पास से अत्याधुनिक हथियार बरामद हुए।
पहलगाम हमले के बाद कभी नहीं चलीं बंदूकें
फोरेंसिक जांच में यह भी सामने आया कि आतंकियों की बंदूकें पहलगाम हमले के बाद कभी नहीं चलीं। यह इस बात का प्रमाण है कि वही आतंकी महादेव में मारे गए जो पहलगाम हत्याकांड में शामिल थे।