After Kerala, now new variant of Corona JN.1 confirmed in these two more states, Corona cases increased in the country
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के कारण स्थिति लगातार चिंताजनक बनती जा रही है। केरल के बाद अब दो और राज्यों में कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही भारत में कोरोना के केस नौ दिनों के भीतर दोगुना हो गए हैं। केरल के बाद महाराष्ट्र और गोवा में नए वेरिएंट के 19 मामलों का पता लगा है। इसमें से एक मामला महाराष्ट्र का है, जबकि 18 मामले गोवा के बताए जा रहे हैं। देश में कोरोना के केस बढ़कर 2 हजार के करीब पहुंच गए हैं। जबकि 11 दिसंबर को कोरोना के मामले 938 थे। महामारी के फिर लौटने से केंद्र ने गहरी चिंता जताई है। आज इस मसले पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया सभी राज्यों के मंत्रियों के साथ बैठक करने वाले हैं।
कोरोना का यह नया वेरिएंट JN.1 इस वक्त अमेरिका, चीन और सिंगापुर में जमकर कहर बरपा रहा है। बड़ी संख्या में लोग बीमार पड़ रहे हैं। अस्पतालों में भी बेड फुल हैं। सिंगापुर ने तो सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है। उधर, WHO ने इस नए वेरिएंट को क्लासिफाइड करते हुए ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ की कैटेगरी में डाल दिया है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इस नए वेरिएंट से लोगों में कोरोना तेजी से तो फैल रहा है लेकिन, मौत की संख्या काफी कम है। इसलिए डरने के बजाय सतर्क रहने की जरूरत है। संगठन का दावा है कि बाजारों में उपलब्ध वैक्सीन इस नए वेरिएंट को मात देने में पूरी तरह से सक्षम है।
नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने बताया, “जेएन.1 पश्चिमी देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाला कोरोना का नया वेरिएंट है। इन देशों में यह तेजी से फैला है। उन्होंने कहा कि यह आम तौर पर 10 दिन बाद असर दिखा रहा है, लेकिन मामलों का पता लगाना इस बात पर निर्भर करता है कि टेस्टिंग कितने दिन पहले हुई है। इसलिए सतर्कता जरूरी है।
एक अधिकारी के अनुसार, “गोवा में जेएन.1 वेरिएंट के 18 मामले उन लोगों के हैं, जो हाल ही में संपन्न हुए एक फिल्म महोत्सव में शरीक हुए थे। जबकि महाराष्ट्र में जेएन.1 का मामला गोवा-महाराष्ट्र सीमा पर डिटेक्ट हुआ है। उन्होंने कहा कि अभी हमे नहीं लगता कि फिलहाल चिंता की कोई बात है। भारत में कोविड मामलों में वृद्धि अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है।