After Gautam Adani, the number of this big industrialist of the country, shares are continuously falling
नई दिल्ली: भारतीय कारोबारियों का दिन इन दिनों ठीक नहीं चल रहे हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने जहां गौतम अडानी की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाई है. वहीं, अब एक और भारतीय उद्योगपति का साम्राज्य कम होता जा रहा है. वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) के मालिक अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) के शेयर लगातर नीचे गिरते जा रहे हैं. वेदांता के शेयरों (Vedanta share price ) में लगातार आठ दिन से गिरावट दर्ज की जा रही है. इसकी मुख्य वजह वेदांता ग्रुप पर भारी भरकम कर्ज है.
वैश्विक मंदी की आशंका के चलते ग्लोबल मार्केट की स्थिति डमाडोल हो रही है. वहीं, कई बैंकों ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दिया है. इससे वेदांता ग्रुप को ना तो कर्ज मिल रहे हैं और ना ही बड़े निवेशक मिल रहे हैं. हाल ही में वेदांता ग्रुप अपनी साख को बनाए रखने के लिए कंपनी की एक हिस्सेदारी बेचने की तैयारी की थी, लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं हो पाया. कंपनी के मालिक अनिल अग्रवाल ने हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड से टाईअप किया था, लेकिन सरकार ने इसे हरी झंडी नहीं दी, जिससे कंपनी को बड़ा झटका लगा.
मूडीज ने कंपनी की रेटिंग डाउन की
वेदांता ग्रुप की स्थिति 2022 के अक्टूबर से बिगड़ती जा रही है. रेटिंग एजेंसी मूडीज ने वेदांता ग्रुप के वेदांता रिसोर्सेज की रेटिंग पूअर दी थी. जिसके बाद से कंपनी की कर्ज चुकाने की क्षमता पर सवाल खड़े होने लगे. एजेंसी ने बताया था कि कंपनी को अप्रैल-मई 2022 में 90 करोड़ डॉलर का भुगतान करनी थी, लेकिन कंपनी फंड जुटाने में विफल रही. मूडीज ने कंपनी को मार्च 2024 तक 3.8 अरब डॉलर का कर्ज चुकाने को कहा है.