रामचरितमानस की प्रतियां जलाने वाले आरोपियों पर रासुका के तहत कार्यवाही
उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस की प्रतियां जलाने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान ने इस मामले को तूल दिया, उसके बाद विरोध के नाम पर प्रतियां जलाने ने भी समाज के बड़े तबके की भावनाओं को आहत किया। अब उस विवाद को लेकर ही यूपी पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है। दो आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक 29 जनवरी को भाजपा कार्यकर्ता सतनाम सिंह लवी ने श्री रामचरितमानस की प्रतियां जलाने वालों के खिलाफ तहरीर दी थी और जिसके बाद पुलिस ने सलीम हसन और सत्येंद्र कुशवाहा समेत कुल 5 लोगों को गिरफ्तार किया था। फिर गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ जांच पड़ताल की कार्रवाई शुरू की गई, जिसके बाद सलीम और सत्येंद्र कुशवाहा के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई करते हुए रासुका लगाया गया। वहीं अन्य आरोपियों की भी भूमिका जांच की जा रही है।
रासुका क्या है?
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 (NSA) के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 मैंने तक जेल में रखा जा सकता है। हिरासत में लिए व्यक्ति को यह सूचित किया जाना जरुरी है की उसे रासुका यानि NSA के तहत हिरासत में लिया गया है। रासुका के तहत व्यक्ति को बिना आरोप तय किए बगैर दस दिनों तक हिरासत में रखा जा सकता है। हिरासत में लिया गया व्यक्ति उच्च न्यायालय के सलाहकार बोर्ड के समक्ष अपील कर सकता है लेकिन उसे मुकदमे के दौरान वकील की अनुमति नहीं है।