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कोरबा /छत्तीसगढ़ : फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे प्रदेश के अनेकों विभाग में फर्जी लोग विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से सांठगांठ करके सरकारी नौकरी कर रहे हैं मामला प्रकाश में आकर समाचार की सुर्खियों में भी रहा है और जिसकी समय- समय पर शिकायत भी लोगों के द्वारा किया जाता रहा है जिस पर शासन प्रशासन ने कार्यवाही भी किया है!
फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे आरक्षित वर्ग पर शिक्षा विभाग के कोरबा ब्लॉक में प्राथमिक शाला कोहड़िया में प्रधान पाठक के पद पर पदस्थ शिक्षिका श्रीमती लीली रुत डान टोप्पो पति श्री राजेन्द्र कुमार टोप्पो के फर्जी जाति प्रमाण पत्र को लेकर शिकायतकर्ता जितेन्द्र कुमार साहू ने मुख्य सचिव छ ग शासन रायपुर, अध्यक्ष जाति प्रमाण पत्र छानबीन समिति रायपुर और कलेक्टर बिलासपुर को पत्र लिखकर लीली रुत डान टोप्पो की उराँव जाति का बना हुआ जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की गई है!
क्या है शिक्षिका की फर्जी जाति प्रमाण पत्र का पूरा मामला…
लीली रुत डान टोप्पो पति राजेन्द्र कुमार टोप्पो प्राथमिक विद्यालय कोहड़िया में पदोन्नति पाकर प्रधान पाठक के पद पर पदस्थ हैं जो इनके द्वारा दिनाँक 15/04/1994 को ग्राम जरहाभाठा प ह नं 21 रा नि मं तहसील व जिला बिलासपुर से फर्जी दस्तावेजों एवं राजस्व कर्मचारियों से सांठगांठ करते हुए उराँव जाति (अनुसुचित जनजाति) का जाति प्रमाण पत्र बनवाया गया है जानकारों की माने तो छ ग/म प्र शासन के राजस्व विभाग द्वारा जाति प्रमाण पत्र के लिए जारी दिशा निर्देश के अनुसार जाति प्रमाण पत्र पिता के वंशावली अर्थात पिता के जाति के आधार पर बनता है लीली रुत डान सामान्य वर्ग (जाति) से है इनकी शादी राजेन्द्र कुमार टोप्पो से हुई है जो उराँव जाति (अनुसुचित जनजाति)जशपुर जिला के मूल निवासी हैं लीली रुत डान इसी का नाजायज फायदा उठाते हुए ग्राम जरहाभाठा तहसील जिला बिलासपुर से लीली रुत पति राजेन्द्र कुमार टोप्पो जाति उराँव का प्रमाण पत्र बनवाया गया है और उसी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर अनुसुचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित शिक्षिका के पद पर पदोन्नत है और इनके द्वारा जानबूझकर प्रशासन को गुमराह करते हुए फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया गया है और उसका नाजायज लाभ लेते हुए आदिवासी जमीन का खरीदी बिक्री का काम भी इनके द्वारा किया गया है

