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कोरबा/ छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितता की खबर हमेशा सुर्खियों में रहा है यूँ कहें तो भ्रष्टाचार करना उनका जनम सिद्ध अधिकार है शासन प्रशासन देश के अंतिम छोर और सभी व्यक्तियों तक विकास और उसका लाभ पहुँचाना चाह रहा है लेकिन जिम्मेदार लोग ही भ्रष्टाचार में इतने डूब चूकें है कि गाँव और क्षेत्र की विकास की राशि को कैसे बंदरबांट करना है और उसे कैसे हजम करना है ये उन्हें अच्छे तरह से आता है!
भ्रष्टाचार की एक ऐसी खबर कोरबा जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत अजगरबहार से निकल कर आई है वर्तमान सरपंच नारायण सिंह एवं सचिव दुबराज सिंह के द्वारा 15वें वित्त योजना की राशि में से 45000/ पैंतालिस हजार रुपये आहरण फर्जी बिल लगाकर किया गया है!
सूत्रों के खुलासे और जानकारी के अनुसार मां शारदा ट्रेडर्स मेंन रोड, जटगा (नवापारा)जिला:- कोरबा (छ.ग.) दुकान पिछले सात आठ महीनों से संचालित है जो छड़,लोहा,एंगल,सीमेंट, गिट्टी एवं भवन निर्माण सामग्री के विक्रेता एवं सप्लायर है मजे और गौर करने वाली बात है कि अजगरबहार के वर्तमान सरपंच नारायण सिंह सचिव दुबराज सिंह माँ शारदा ट्रेडर्स जटगा के बिल नंबर 214 से टेबल 2 नग,चेयर वीआईपी 6 नग, चेयर प्लेन 10 नग के कुल 45000/- पैंतालीस हजार रुपये का बिल लगाकर राशि आहरण किया गया है। जबकि मां शारदा ट्रेडर्स जटगा टेबल कुर्सी चेयर नहीं बेचता है और ना ही प्रशासन से उसे बेचने का अधिकार मिला है !
इस भ्रष्टाचार को अंजाम देने में सरपंच सचिव के साथ दुकानदार की भी मिली भगत है साथ ही साथ मूल्यांकन करने वाले जिम्मेदार अधिकारी का इन्हें खुला संरक्षण मिला हुआ है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरबा जनपद पंचायत में पदस्थ एक इंजीनियर के संरक्षण में माँ शारदा ट्रेडर्स जटगा का बिल कोरबा जनपद पंचायत के अधिकांश पंचायतों में फर्जी रुप से राशि आहरण करने के लिए उपयोग किया जाता है यूँ कहें यह दुकान सिर्फ कमीशन लेकर फर्जी बिल देने के लिए खोला गया है!