स्कूल में शिक्षको की कमी से जूझ रहे छात्र- छात्रा धीरे-धीरे कर रहे पलायन….

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स्कूल में शिक्षको की कमी से जूझ रहे छात्र- छात्रा धीरे-धीरे कर रहे पलायन….

आखिर प्रिंसपल शिव प्रसाद सिदार मीडिया के सवालो से क्यों भाग रहें हैं?..

बरमकेला:- नवगठित ज़िला सारंगढ़- बिलाईगढ़ के अंतिम छोर तथा बरमकेला विकासखंड अंतर्गत उड़ीसा बॉर्डर से लगे सुदूर ग्राम पंचायत झाल के शासकीय कन्या उच्चतर् माध्यमिक विद्यालय मे शिक्षकों का बहुत ही अभाव है। यह विद्यालय कन्या शाला है तो यहाँ महिला व्याख्याता होने चाहिए परंतु विडम्बना यह है कि महिला व्याख्याता तो दूर की बात है यहाँ physics , बायोलॉजी, केमिस्ट्री, गणित,अंग्रेजी तथा 9 वी, 10 वी मे विज्ञान के शिक्षक ही नहीं हैं जिसके कारण धीरे- धीरे विद्यार्थी इस स्कूल से पलायन करते जा रहे हैं, कुछ सालो पहले यहाँ पढ़ाई करने के लिए बरमकेला- सरिया- सारंगढ़ से विद्यार्थी यहाँ आते थे. आज हालात् ऐसे बन गए हैं कि इसी गांव के पालक अपने पुत्र पुत्री को यहाँँ पढ़ाना नहीं चाहता है, मगर जो पालक गरीब है या जो पालक अपने पुत्र पुत्री को दूर नहीं भेजना चाहता वह यहाँ बिलकुल पढ़ाई नहीं होता ये जानते हुए भी अपने बच्चों को यहाँ भेजने के लिए मजबूर है।

इस बारे मे हमारे संवाददाता ने कुछ् प्रश्नो के उत्तर् के लिए जब उक्त स्कूल के प्राचार्य शिव प्रसाद सिदार से समाचार संकलन के लिए सहयोग एवं आप का साक्षात्कार चाहिए तो उन्होने एक दिन बाद आने को कहा जिसके बाद अगले दिन उमेश्वर् पटेल (हिंदी व्याख्याता) का मेसज आया कि ‘प्रिंसिपल महोदय बता रहे थे कि ज़िला शिक्षा अधिकारी ने किसी भी प्रकार का इंटरव्यू देने से साफ मना किया है। ऐसे में कई सवाल खड़े हो गए हैं। आखिर प्रिंसपल शिव प्रसाद सिदार मीडिया के स्वालो से क्यों भाग रहें हैं? क्या कारण है कि जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रिंसिपल को मीडिया से रूबरू होने को मना किया है? बच्चों के भविष्य को लेकर आखिर क्यों गंभीर नहीं हैं क्या शिक्षको की कमी से जूझ रहे छात्रा अन्य सहपाठियों की तरह पलायन कर लेंगे?? क्या इस स्कूल की घटती गरिमा और अच्छी शिक्षा का गिरता स्तर धीरे धीरे अपना अस्तित ही खो देगा?? क्या सुदूर ग्रामीण अंचल के गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार नहीं है?? ऐसे कई अनुत्तरित सवालों का जवाब मिलना शायद भविष्य की गर्भ में है।।

बहरहाल ग्राम झाल के शासकीय कन्या उच्चतर् माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी से शिक्षा स्थिति बहुत खराब है वर्तमान में अध्ययनरत छात्र छात्राओं का अनुपात भी पूर्व की अपेक्षाकृत बहुत कम हो चुका है। लगातार स्कूल से पलायन से स्कूल की गरिमा भी कम होती जा रही है। ऐसे में ग्रामीण अंचलों के शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त कर, स्कूल में रिक्त शिक्षकों की कमी को पूरा करना चाहिए जिसे स्कूल में अध्ययनरत बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त हो सके। जिससे स्कूल की गरिमा पूर्ववत बनी रहे और लगातार हो रहे छात्र छात्राओं का पलायन रुक सके।

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