नामिनी योजना के तहत बुजुर्गों के घर तक पहुंच रहा राशन

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नामिनी योजना के तहत बुजुर्गों के घर तक पहुंच रहा राशन

छत्तीसगढ़ में राशन कार्डों में नामिनी नियुक्त करने की सुविधा शुरू होने के बाद अब तक एक लाख से अधिक लोगों ने नामिनी नियुक्त कर लिया है। राशन दुकानों से खादान्न उठाने में असमर्थ लोगों को नामिनी के सहारे राशन मिल रहा है। ऐसे राशन कार्डधारी जिनका आधार सत्यापित तो है लेकिन ई-पास मशीन तक आकर थंब लगाने में असमर्थ हैं उनके लिए नामिनी योजना शुरू हुई है। इसमें 10 वर्ष से कम और 60 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों को नामिनी तय करने की पात्रता मिली है। इसके अलावा दिव्यांग भी इस योजना के लिए पात्र हैं। अब एक लाख छह हजार 126 ने नामिनी करा ली है।

एक देश एक राशन कार्ड योजना लागू करने का मुख्य उद्देश्य प्रवासी मजदूरों को कहीं से भी राशन मिल सके साथ ही फर्जी राशन कार्ड पर रोक लग सके। इस योजना के लागू होने के बाद कोई व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान पर भी जाता है तो वो कहीं से भी राशन ले सकता है।

मई 2023 की स्थिति में छत्तीसगढ़ में एक देश एक राशन कार्ड योजना के तहत 33 जिलों में 68 लाख 35 हजार 283 राशनकार्डधारियों को आधार से जोड़ा गया। इन्हें आधार प्रमाणीकरण के बाद ही राशन मिल रहा है। प्रदेश में चार लाख 98 हजार 968 उपभोक्ताओं ने पोर्टेबिलिटी का उपयोग करके अपनी पसंद की उचित मूल्य दुकान से राशन उठाया है। मई में छत्तीसगढ़ के 515 राशनकार्डधारियों ने अन्य राज्यों में रहकर राशन उठाया है और 33 अन्य राज्य के राशन कार्डधारियों ने छत्तीसगढ़ से राशन उठाया है।

छत्तीसगढ़ खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के संचालक जितेंद्र शुक्ला ने कहा, यदि कोई राशन ले जाने में असमर्थ है तो उनके लिए नामिनी योजना चलाई जा रही है। खासकर बुजुर्गों को इससे राशन लेने में आसानी होती है।

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