International Tea Day:- सबकी पसंदीदा चाय का इतिहास, ब्लैक और ग्रीन के अलावा और भी कई रंगों की चाय…………

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International Tea Day:- सबकी पसंदीदा चाय का इतिहास, ब्लैक और ग्रीन के अलावा और भी कई रंगों की चाय…………

चाय दुनियाभर में सबसे ज्यादा पी जाने वाली ड्रिंक में से एक है। इसी के चलते चायपत्ती (Tea) की खपत और मांग बढ़ाने पर जोर डालने के लिए हर साल 21 मई को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस के रूप में मनाया जाता है।21 मई का दिन चाय लवर्स का पसंदीदा दिन है। अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस चाय लवर्स को समर्पित है।

सबसे पहले चाय का सेवन 5,000 साल पहले चीन में किया गया था। चीनी सम्राट शेन नुंग ने पहली बार इसका स्वाद चखा था। इसके साथ ही चाय को पहली बार 2737 ईसा पूर्व में चीन में खोजा गया था। इसके बाद अंग्रेजों ने पहली बार 1824 में भारत में चाय की फसल उगाने की शुरुआत की और इसके बाद से यह दार्जिलिंग, नीलगिरी और असम में उगाया जाने लगा। वर्तमान की बात करें तो आज भारत में कथित तौर पर 900,000 टन चाय का उत्पादन होता है।

आपको बता दें कि दो साल पहले तक 15 दिसबंर को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता था, हालांकि अब 21 मई को मनाया जाने लगा है। इसके पीछे का कारण क्या है।आइए समझते हैं। इसके पीछे भारत का अहम योगदान है। पहले 2005 से 15 दिसंबर को हर साल अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाते रहे हैं। क्योंकि तब तक इसे संयुक्त राष्ट्र की ओर से मान्यता नहीं दी गई थी। इसके बाद भारत सरकार ने 2015 में आधिकारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा। जिसके बाद से हर साल 21 मई को इसे मनाया जाने लगा, यूं कहा जा सकता है कि चाय को उसका हक भारत ने ही दिलाया।

चाय कई रंगों की होती है. कड़क चाय, अदरक, इलायची और लौंग वाली चाय, मसाले वाली,गुलाब वाली और भी बहुत तरह के चाय फेमस हैं, जो कुछ इस तरह के हैं:-

ब्लैक टी: आजकल आपको ब्लैक टी पीने वाले लोग भी बहुत दिख जाएंगे। इस चाय में दूध नहीं डाला जाता है। इसी खेती कई देशों में होती है। ये चाय की पत्तियों को सुखाकर तैयार की जाती है, इसकी खेती भारत, चीन, तिब्बत, मंगोलिया में होती है।

ग्रीन टी: जो लोग खुद को फीट रखना चाहते हैं वो ग्रीन टी जरुर पीते हैं। इसमें डायबिटीज, कैंसर, और मानसिक बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है। वजन कम करने की चाह रखने वाले लोग इसको रोज पीते हैं इसकी खेती भारत और चीन में होती है।

ब्लू टी: यह एक हर्बल टी होती है। इसको अपराजिता नाम के फूल से बनाया जाता है। इसको पीने से याददाश्त बढ़ता है। इसके साथ-साथ इससे एंग्जायटी घटता है। इसको पीने से अस्थमा में आराम मिलता है। यह डायबिटीज की रोकथाम में मददगार है।

रेड टी: इसे रूइबोस टी भी कहते हैं। यह एक दक्षिण अफ्रीका में उगने वाले ‘एस्पैलाथस’ नाम के एक पेड़ से मिलती है। ग्रीन टी की तुलना में इसमें 50% अधिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। इसको पीने से डाइजेशन ठीक होता है। इससे बाल मजबूत होते हैं।

येलो टी: यह चाय पीने की शुरुआत चीन से हुई थी। इसकी पत्तियों को खास तरीके से सुखाकर बनाया जाता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट ग्रीन टी के बराबर ही होते हैं।

पिंक टी: यह चाय हिबिस्कस यानी गुड़हल के फूल से बनाई जाती है।इसको पीने से डायबिटीज और पेट की समस्याओं से निजात मिलती है।

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