“छुट्टी मतलब छुट्टी…..”, हॉलिडे होमवर्क के खिलाफ धरना देने पहुंचा छात्र
झुंझुनू के केंद्रीय विद्यालय में 9वीं क्लास के छात्र ने होलिडे होमवर्क का विरोध करने के लिए अनोखा तरीका अपनाया। छात्र प्रांजल रविवार के दिन कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठ गया और वहीं टेबल चेयर लगाकर हॉलिडे होमवर्क करने लगा, प्रांजल ने बताया कि होलिडे होमवर्क बच्चे के मूल अधिकार का उल्लघंन है।
उसने कहा कि वह इसके विरोध में वह प्रत्येक रविवार को सुबह दस से दोपहर बारह बजे तक कलेक्ट्रेट के सामने होलिडे होमवर्क करते हुए धरने पर बैठेगा। प्रांजल की मां अनामिका ने भी उसका साथ देते हुए कहा कि चाहे बड़े हों या बच्चे, अवकाश का अर्थ और महत्व सभी के लिए समान है।
उन्होंने कहा कि बड़े लोग तो अपना अवकाश मनाते हैं। जबकि, बच्चों को अवकाश में भी ढेर सारा होमवर्क करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि भारत में शिक्षण संस्थानों से जुड़े लोग नकारात्मक विचारधारा रखते हैं। अवकाश हो या स्कूल टाइम, वे लोग बच्चे को सिर्फ पढ़ते हुए देखना चाहते हैं, हॉलिडे पर भी पढ़ो-पढ़ो की रट अभिभावक व शिक्षण संस्थान लगाए रहते हैं। बच्चे लगातार तनाव में रहते हैं। इसलिए आत्महत्या के केस बढ़ रहे हैं। कोई नहीं समझना चाहता कि बच्चे क्या चाहते हैं? क्या बनना चाहते हैं?
अनामिका ने बताया कि प्रांजल जिला कलेक्टर, एसपी और केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य समेत अन्य अधिकारियों को हॉलिडे होमवर्क के विरोध में पत्र लिख चुका है। लेकिन अभी तक उसकी मांग नहीं मानी गई है। प्रांजल का कहना है कि स्वस्थ जीवन के लिए अवकाश जरूरी है। अवकाश शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. बच्चों के लिए तो अवकाश बहुत ही जरूरी है, ताकि बच्चे खेल सकें। अपनी अभिरुचि में पार्टिसिपेट कर सकें। इससे बच्चों का सही विकास होगा।