मिलावटी चीजें खाकर हमारे विचार भी मिलावटी, ठान लें देना है समाज को नई दिशा : तिवारी

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मिलावटी चीजें खाकर हमारे विचार भी मिलावटी, ठान लें देना है समाज को नई दिशा : तिवारी

कोरबा. भारत को इस वर्ष जी-20 में शामिल 20 देशों की अगुवाई का अवसर मिला है.इसके तहत भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के निर्देश पर यूथ-20 समिट के कार्यक्रम किए जा रहे हैं। जिसके तहत युवाओं को जी-20 के मुद्दों के संबंध में जागरूक करना और युवा विचार को मंच देना कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य है. इसी के तहत कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के आदेश पर शाईवीपीजी अग्रणी महाविद्यालय में बुधवार को कॉलेज के पत्रकारिता और एनएसएस विभाग द्वारा सेमिनार का आयोजन किया गया.

जिसमें एनएसएस के जिला संगठन वायके तिवारी बतौर मुख्य अतिथि व वक्ता मौजूद रहे. जिन्होंने कहा कि वर्तमान दौर मिलावटी चीजों का है, मिलावटी सामान का उपभोग कर हमारे विचार भी मिलावटी हो गए हैं. हमें इससे बचना होगा. चरित्र का निर्माण करना होगा, खासतौर से युवाओं को यह ठान कर लेना चाहिए कि हम समाज को एक नई दिशा देंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज की प्राचार्य डॉ साधना खरे और एनएसएस प्रभारी स. प्राध्यापक बीएल साय ने की, संचालन पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ दिनेश श्रीवास ने किया। इस दौरान महाविद्यालय के प्राध्यापक और छात्र-छात्राएं बड़ी तादाद में मौजूद रहे

हमें नहीं चाहिए डिंक सोसायटी :

सेमिनार में नशा मुक्ति और खेलों के महत्व पर प्रकाश डाला गया यही संविधान के मुख्य विषय भी थे. जिस पर बोलते हुए पीजी कॉलेज की प्राचार्य डॉ साधना ने कहा कि हमारे शरीर नियमित तौर पर अपने आप को बदलता रहता है। जब हमारे बाल और नाखून बढ़ जाते हैं तभी उन्हें काटना पड़ता है तो जब हमारा शरीर ही अपने आप को बदल रहा है तब हमें भी यह बदलना होगा अपने विचारों को बदलना होगा स्वस्थ विचार लाने होंगे।

शरीर के स्वस्थ होने के साथ ही मन का स्वस्थ होना भी जरूरी है। मोबाइल फोन का उपयोग कम करना होगा आजकल “डिंक सोसाइटी” ड्रिंक नहीं डिंक काफी चलन में है। इसका मतलब है “डबल इनकम नो किड्स” शादीशुदा युवा चाहते हैं कि खूब कमाएं, बच्चे ना पैदा करें. ऐसा समाज हमे नहीँ चाहिए, जिसके हम खतरा नहीं कर सकते हैं व्यसनों से खुद को दूर रखें और एक बेहतर समाज का निर्माण करें।

सेमिनार में मुख्य वक्ता के तौर पर पहुंचे वायके तिवारी ने कहा कि वाई-20 समिट पर संस्थाएं आयोजन कर रही हैं. लेकिन जिनके लिए या पूरी कवायद है. वह युवा कार्यक्रम से गायब हैं. 2023 तक भारत को कहा गया की सदी के लिए एजेंडा सेट करें। 20 यूरोपीय देश, यूएनओ, वर्ल्ड बैंक और भी कई संस्था है जी 20 से जुड़ी हुई है यह सभी सौभाग्य की बात है कि भारत को इनके प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है लगातार कार्यक्रम हो रहे हैं सितंबर में एक महासम्मेलन भी प्रस्तावित है। आज का युवा अपने पढ़ाई और नौकरी तक सीमित होकर रह गया है। अपने भाई, बहनों के हित की बात तक नहीं सोचता। आपको सिर्फ परिवार नहीं समाज के बारे में भी सोचना चाहिए। परिवार ने आपको कॉलेज जाने लायक बनाया तो आपको उन्हें वापस करना होगा। अपने दायित्व निभाने होंगे।जलवायु परिवर्तन हो नशामुक्ति या कोई विषय अन्य विषय आप, अपने विचार सांझा करें।युवा अपने विचार वाई-20 समिट में भेज सकते हैं। इसकी अलग वेबसाइट है। विचार अच्छा लगा तो प्रधानमंत्री उसका वाचन करेंगे। उसे जी-20 एजेंडा में भी शामिल किया जा सकता है।

नशा एक बहुत बुरी लत है इससे हमें दूर रहना होगा। वर्तमान दौर मिलावट का है मिलावटी चीजों को खाने से हमारे विचार भी मिलावटी हो रहे हैं हमें इससे बचना होगा। सोने के पहले दिमाग विचार से खाली करो। महापुरुषों को पढ़ना चाहिए, उन्होंने स्वाध्याय पर जोर दिया है। हम देखते हैं कि शराब दुकानों के आगे जाम लगा रहता है। हमें ऐसा नहीं बनना है इससे दूर रहना है। ठान लो कि न पियूँगा ना ही किसी को पीने दूंगा। लोगों को प्रेरित करूंगा। नशे से कई लोगों की मौत होती है। इसका डाटा तक नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह से ही लोग पीते हुए दिख जाते हैं। खुद को मजबूत बनाना है, अच्छे चरित्र का निर्माण करना है। आने वाले कल में युवा ही हर क्षेत्र में समाज का प्रतिनिधित्व करेंगे।

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