छत्तीसगढ़ के दो IAS अफसरों के खिलाफ हाईकोर्ट ने जारी किया वारंट, सुनवाई में हाजिर होने के निर्देश

Must Read

High Court issues warrant against two IAS officers of Chhattisgarh, instructions to appear in the hearing

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में IAS अफसरों द्वारा हाईकोर्ट के आदेश की लगातार नाफरमानी और बढ़ते हुए अवमानना के मामलों में उच्च न्यायालय ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने अवमानना के एक मामले में राज्य के दो IAS अफसरों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग और राजस्व विभाग के सचिवों के खिलाफ 25-25 हजार का जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने दोनों अफसरों को 24 मार्च को होने वाली सुनवाई में सशरीर उपस्थित होने का कठोर निर्देश दिया है।

इससे पहले हाईकोर्ट ने सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग और सचिव राजस्व विभाग को डिप्टी कलेक्टर पद की सीनियरिटी के मामले में अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया था। रिट याचिका डिप्टी कलेक्टर शंकरलाल सिन्हा ने हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और घनश्याम शर्मा के माध्यम से दायर की थी। दरअसल, साल 2016 में तहसीलदार के पद पर पदस्थ शंकरलाल सिन्हा के साथ कार्यरत तमाम तहसीलदारों का प्रमोशन डिप्टी कलेक्टर के पद पर किया गया था, लेकिन शंकरलाल सिन्हा के खिलाफ विभागीय जांच लंबित होने की वजह से डिप्टी कलेक्टर के पद पर प्रमोशन से उन्हें वंचित कर दिया गया था। अगस्त 2018 में विभागीय जांच में शंकरलाल सिन्हा दोषमुक्त पाए गए। उन्होंने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर साल 2016 से अपने साथियों के समान ही डिप्टी कलेक्टर के पद पर सीनियरिटी की मांग की गई।

उच्च न्यायालय ने रिट याचिका को स्वीकार करते हुए मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग एवं सचिव राजस्व विभाग को 4 माह के भीतर मामले का नियमानुसार निराकरण किए जाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन 4 माह बीत जाने के बाद भी मामले का निराकरण नहीं किए जाने से शंकरलाल सिन्हा ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका प्रस्तुत किया। जिस पर हाईकोर्ट ने अवमाननाकर्ता दोनों अधिकारियों को पिछले साल 24 अगस्त को अवमानना की नोटिस भेजी थी। दोनों अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट के सामने तर्क दिया कि 6 महीने बाद भी सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग और सचिव राजस्व विभाग ने अपना जवाब प्रस्तुत नहीं किया।

उच्च न्यायालय ने उक्त मामले में गंभीर एवं कड़ी नाराजगी जाहिर की है और राज्य में IAS अफसरों द्वारा हाईकोर्ट के आदेशों की लगातार नाफरमानी और हाईकोर्ट में लगातार बढ़ रहे अवमानना के मामलों पर घोर चिन्ता व्यक्त करने के साथ ही कठोर कार्यवाही करते हुए सचिव-सामान्य प्रशासन एवं सचिव-राजस्व विभाग को 25,000 – 25,000 रूपये का जमानती वारंट जारी किया है। हाईकोर्ट द्वारा सचिन-सामान्य प्रशासन एवं सचिव-राजस्व विभाग को दिनांक 24 मार्च 2023 को उच्च न्यायालय, बिलासपुर के समक्ष सशरीर उपस्थित होने का कठोर निर्देश दिया गया।

Latest News

*नेशनल लोक अदालत: वृद्ध महिला और बेसहारा परिवार को मिला न्याय, लंबित प्रकरणों का सफल निपटारा*

कोरबा। 21 सितंबर 2024 को आयोजित हाइब्रिड नेशनल लोक अदालत में कई वर्षों से लंबित मामलों का सफल निपटारा...

More Articles Like This