ट्रांसजेंडर्स के इलाज के लिए बनाया गया स्पेशल वार्ड
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में शिंदे सरकार द्वारा एक नई पहल की गयी है। जिसके तहत अब जीटी हॉस्पिटल देश का पहला विशेष ट्रांसजेंडर वार्ड शुरू किया गया है। 30 बेड का यह वॉर्ड सिर्फ राज्य का ही नहीं, बल्कि देश का पहला समर्पित ट्रांसजेंडर वॉर्ड बन गया है। मुंबई के अलावा राज्य के अन्य अस्पतालों में भी इस तरह का वॉर्ड शुरू करने की सरकार की योजना है। किन्नरों को स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर अलग तरह का बर्ताव झेलना पड़ता है, इसलिए राज्य सरकार ने जीटी अस्पताल में एक समर्पित वॉर्ड की शुरुआत की है। इसे राज्य के स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन ने ट्रांसजेंडरों को समर्पित किया।
जेजे अस्पताल समूह की डीन डॉ. पल्लवी सापले ने बताया कि अक्सर ट्रांसजेंडर की मांग हुआ करती थी कि उन्हें महिला वार्ड में भर्ती किया जाए, लेकिन महिला वॉर्ड में इन्हें भर्ती करने से वहां मरीजों में हिचकिचाहट होने लगती थी। पुरुष वॉर्ड में ट्रांसजेंडर खुद को कम्फर्ट नहीं पाते थे। लेकिन अब इस नए वॉर्ड के शुरू होने से ट्रांसजेंडरों को मूल धारा में लाया जा सकता है।
अस्पताल में इलाज के दौरान ट्रांसजेंडर को अलग बर्ताव न झेलना पड़े, इसके लिए 150 से अधिक स्टाफ को रोगियों के प्रति मानवीय व्यवहार के लिए प्रशिक्षित किया गया है। साथ ही वॉर्ड में वेंटिलेटर, आईसीयू मॉनिटरिंग, ट्रेंड स्टाफ और डॉक्टर और रोगियों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए अलग एग्जामिनेशन रूम और ड्रेसिंग रूम उपलब्ध होंगे। रोगियों के लिए जेंडर-न्यूट्रल शौचालय भी बनाया गया है।