नोडल अधिकारी अश्वनी पाण्डेय के विरुद्ध कलेक्टर से हुई शिकायत, क्या है पूरा मामला….

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Complaint against nodal officer Ashwani Pandey from collector, what is the whole matter….

रायपुर – जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर जिला सक्ती के नोडल अधिकारी अश्वनी पाण्डेय के विरुद्ध कलेक्टर से शिकायत की गई है। शिकायतकर्ता ने नोडल अधिकारी के ऊपर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाते हुए उनके सम्पूर्ण कार्यकाल की जांच करने और कड़ी कार्यवाई करने की मांग किया गया है। शिकायतकर्ता ने इसकी प्रतिलिपि शासन के मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारियों को भी भेजा है।

क्या है पूरा मामला….

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर अंतर्गत नोडल अधिकारी अश्वनी पाण्डेय जांजगीर चांपा जिले में पिछले कई वर्षों से पदस्थ है। इसके अलावा नवीन जिला सक्ती का भी प्रभार उन्हें प्राप्त है। नोडल अधिकारी के कार्य क्षेत्र में 200 से भी अधिक धान खरीदी केंद्र आते हैं। इन धान खरीदी केंद्रों में पिछले कई वर्षों से लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं जिसकी बानगी भी देखने की मिली है।

आपको बता दें इस वर्ष भी नवीन जिला सक्ती में धान खरीदी प्रभारियों द्वारा गड़बड़ी की गई है। धान खरीदी समाप्त होने के 1 दिन पूर्व ही 30 जनवरी 2023 को नोडल अधिकारी सक्ती जिले के अधिकांश धान खरीदी केंद्रों में भौतिक सत्यापन के लिए दौरे पर निकले हुए थे। इस दौरान उनके साथ जिले के खाद्य अधिकारी मनोज त्रिपाठी भी मौजूद थे। भौतिक जांच के दौरान उन्होंने दो धान खरीदी केंद्र भाटा में लगभग 500 क्विंटल और चंद्रपुर में लगभग 1500 क्विंटल धान फड़ में कमी पाई गई थी।

आश्चर्य की बात है कि लेकिन नोडल अधिकारी द्वारा उक्त दोनों मामले को दबाते हुए उन्हें किसी भी तरह व्यवस्था कर जीरो क्लीयरेंस देने की मोहलत दे दी गई और तो और उनके साथ मौजूद खाद्य अधिकारी को भी अपने प्रभाव में ले लिया। इस बात की पुष्टि स्वयं धान खरीदी प्रभारी भाटा वीरेंद्र महान और शाखा प्रबंधक चंद्रपुर ने की है।

वीरेंद्र कुमार, खरीदी प्रभारी भाटा

आपको बता दें ये दोनो धान खरीदी केंद्र में नोडल अधिकारी के पूर्व आदेश अनुसार खरीदी प्रभारी भाटा में रामचंद्र साहू को और चंद्रपुर में रामकुमार यादव को नियुक्त किया गया था और उनकी जगह पर भाटा में वीरेंद्र महान को और चंद्रपुर में पीताम्बर निषाद को नियुक्त किया गया।

पितांबर निषाद, खरीदी प्रभारी चंद्रपुर

अब इन्हीं दोनों खरीदी केंद्रों ने गड़बड़ियां भी हुई है। आखिर किन कारणों से खरीदी प्रभारी बदली गई यह भी अपने आप में जांच का विषय है।

सूत्रों की माने तो दोनों खरीदी केंद्रों में जिन प्रभारियों को नियुक्त किया गया है उनके द्वारा लंबे समय से धान खरीदी का कार्य किया जा रहा है और दोनों ही खरीदी प्रभारी चर्चे में भी रहे हैं। ऐसे में इन दोनों खरीदी प्रभारियों को दोबारा नियुक्त किया जाना भी किसी षड्यंत्र से कम नजर नहीं आ रहा है।

पतेरापाली में भी हुई है गड़बड़ी…

महेतर साहू खरीदी प्रभारी पतेरापाली

इसके अलावा धान खरीदी केंद्र पतेरापाली में भी धान की अफरा तफरी का मामला प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है कि यहां भी लगभग 800 क्विंटल धान सिर्फ कागजों में खरीदी की गई है। मौके पर धान की मात्रा पर्याप्त नहीं है। इसकी सूचना पत्रकार द्वारा मोबाइल पर कलेक्टर और एसडीएम को सूचित करने संपर्क भी किया गया था लेकिन नहीं हो सका। इसके अलावा महत्वपूर्ण बात यह भी है की खरीदी प्रभारी महेत्तर साहू अपने पुत्र जो अन्य खरीदी केंद्र में कंप्यूटर आपरेटर है उससे कार्य कराया जा रहा था, जो कि अपने आप में सवाल को जन्म दे रहा है।

 

सबसे बड़ी बात तो यह भी है कि जिस वक्त खरीदी प्रभारी महेत्तर साहू का बेटा कार्य कर रहा था उस वक्त एक वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे जिनकी उपस्थिति भी सवालों को जन्म दे रही है। इस षड्यंत्र के पीछे का खेल किसका है इसकी भी जांच आवश्यक है ताकि सारी सच्चाई से जल्द ही पर्दा उठ सके।

 

सूत्र यह भी बताता है कि इस तरह के खेल बिना वरिष्ठ अधिकारी के संरक्षण के संभव नहीं है। ऐसे में वह कौन अधिकारी है जो इस तरह की गड़बड़ियां करने वाले खरीदी प्रभारियों को संरक्षण दे रहे हैं। शिकायत की सूक्ष्मता से जांच करने पर जल्द ही सभी जांच के रडार में आ सकते हैं और बड़ी कार्रवाई भी हो सकती है।

अब देखना होगा कि शिकायत प्राप्त होने के बाद कलेक्टर क्या कार्रवाई करती है और जांच की आंच में कौन-कौन प्रभावित होता हैं।

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