Dead bodies of seven people of the same family found in the river, police disclosed the matter
महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक ही परिवार के सात लोगों की लाशें मिली थी। एक साथ 7 मौतों से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। सबके मन में एक ही सवाल था कि एक साथ पूरा परिवार कैसे मौत के मुंह में समा गया? पुलिस ने इस मामले को पहले तो सामूहिक आत्महत्या बता दिया था। लेकिन जब पुख्ता छानबीन और जांच के बाद इस मामले का खुलासा हुआ, तो हर कोई हैरान रह गया। असल में यह मामला सुसाइड का नहीं बल्कि साजिशन कत्ल का निकला। पुरानी रंजिश के चलते पूरे परिवार का खात्मा कर दिया गया और उनकी लाशें नदी में फेंक दी गईं।
मामले की जांच कर रही पुलिस ने संकेत दिया है कि बेटे की मौत से जुड़ी एक पिछली घटना को लेकर उनके रिश्तेदारों ने उनकी (परिवार की) हत्या कर दी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान मोहन पवार (45), उनकी पत्नी संगीता मोहन (40), उनकी बेटी रानी फुलवारे (24), दामाद श्याम फुलवारे (28) और तीन से सात साल की आयु के तीन बच्चों के रूप में हुई है।
सातों शवों को 18 जनवरी से 24 जनवरी के बीच पुणे जिले की दौंड तहसील में परगाँव पुल के पास भीमा नदी से बरामद किया गया था।अधिकारी के मुताबिक इस मामले को लेकर पुलिस ने पांच भाई-बहन, अशोक कल्याण पवार, श्याम कल्याण पवार, शंकर कल्याण पवार, प्रकाश कल्याण पवार और कांताबाई सर्जेराव जाधव को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी मृतक मोहन पवार के चचेरे भाई हैं। पुणे ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल ने कहा कि जांच के दौरान मिले तथ्यों से संकेत मिलता है कि सभी मृतकों की हत्या की गई थी।
प्रथम दृष्टया यह संकेत मिल रहा है कि आरोपी अशोक पवार के बेटे धनंजय पवार की कुछ महीने पहले एक दुर्घटना में मौत हो गई थी और इससे संबंधित एक मामला पुणे शहर में दर्ज किया गया था। अशोक गुस्से में था और उसने धनंजय की मौत के लिए मोहन के बेटे को जिम्मेदार ठहराया। अशोक ने अपने बेटे की मौत का बदला लेने के लिए इन सात लोगों की हत्या कर दी।उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों को अहमदनगर जिले की पारनेर तहसील से पकड़ा गया।