संविधान की शपथ लेकर रचाई शादी, वचन की जगह पढ़े संविधान के नियम, टीचर और वकील कपल ने शुरू किया अनोखा रिवाज
मध्य प्रदेश के बैतुल में एक अनोखी शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां पर एक युवक और युवती ने अग्नि को नहीं बल्कि संविधान को साक्षी मानकर अपना विवाह रचाया है, जिसके बाद से यह विवाह काफी सुर्खियों में आ गया है। विवाह के दौरान युवक और युवती ने कहा कि संविधान हमें जातिगत बंधनो से परे अपनी मर्जी से विवाह करने की अनुमति देता है।
शादी करने वाले जोड़ो ने बताया कि उनका उद्देश्य जातिगत बंधनो को खत्म करना है। दोनों लोगों का मानना है कि संविधान हमें अपनी मर्जी से शादी करने की अनुमति देता है। शादी के दौरान दोनों ने वरमाला से पहले संविधान के उद्देशिका का वाचन किया और एक दूसरे को वरमाला पहनाई। उनका कहना है कि इस विवाह के जरिए ये दोनों समाज के हर तबके के युवा को उनका अधिकार बताने का काम किया है।
विवाह के बाद दर्शन बुंदेला ने लोगों को बताया कि वो पेशे से वकील है और उनकी पत्नी सरकारी स्कूल में टीचर है। दोनों बचपन से एक दूसरे को जानते हैं और अच्छे दोस्त है। बचपन से ही दोनों लोग संविधान में आस्था रखते थे और संविधान के बनाए हुए नियमों पर चलने का प्रयास करते थे। शादी करने के बाद उन्होंने बताया कि संविधान में गहरी आस्था होने की वजह से उन्होंने ऐसी शादी रचाई। कहा जा रहा है कि इस तरह से शादी करना युवाओं को जागरूक करने के की एक पहल है।